(हरिद्वार) नेशनल हाइवे के आधे अधूरे निर्माण कार्य से आये दिन यातायात बुरी तरह से बाधित तो रहता ही है साथ साथ इनके कारण दिन प्रतिदिन वाहन दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ रहा है। शहर के लोगों में हाइवे अथॉरिटी के अधिकारियों के खिलाफ निर्माण तेजी से नहीं किए जाने पर नाराजगी भी बनी हुई है।
हाइवे पर वाहनों का चलना दुर्भर हो गया है। अनेकों मौतें वाहन दुर्घटनाओं में हो रही है। राज्य एवं केन्द्र सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे पा रही हैं। नेशनल हाइवे पर आये दिन वाहनों की कतारें लगी रहती है। धीमी गति से वाहन सरकतें हुए नजर आते है। रात में वाहन चालकों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं। जहां तहां बड़े-बड़े गड्ढे, मिट्टी के ढेर लगे हुए हैं जिन कारणों से कई बार वाहन चालक वाहन को चलाते समय सड़क को नहीं देख पाता है और हादसे होते हैं। हाइवे निर्माण किए जाने के दौरान हाइवे अथोरिटी सड़कों पर 24 घंटे चलने वाले वाहनों को कोई सुविधा नहीं दे पा रही है। सड़क के निर्माण किये जाने के दौरान जगह-जगह पत्थर पड़े हुए है। मार्ग बाधित किए जाने की सूचनाएं भी मार्ग पर अंकित नहीं की जा रही है। जिस मार्ग पर निर्माण कार्य संचालित है बैरिगेट्स नहीं लगाये जाते जिन कारणों से वाहन दुर्घटनायें हो रही है।
यही नही हरिद्वार के श्रीमहंत भगवानदास सड़क दुर्घटना में मारे गये उसके बावजूद भी शासन प्रशासन हाइवे निर्माण को लेकर कोई सजगता नहीं बरत रहा है। केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी हाइवे निर्माण को लेकर घोषणाएं तो पूरे निर्माण होने की कर देते हैं, लेकिन हाइवे अथोरिटी के अधिकारी उनके भी निर्देशों का पालन नहीं कर रहे है। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही की जाये जो कि अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से नहीं निभा रहे है।