कैसे इस गांव के लोगों की देशभक्ति के आगे आपदा भी हारी?

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(ऋषिकेश) पिछले 27 जुलाई से गोहरी माफ़ी गांव सॉन्ग के बाढ़ के पानी में जलमग्न है। बावजूद इसके गांव के युवाओं ने और लोगों ने 15 अगस्त के अवसर पर लहरों के सामने तिरंगा फहराया और अपनी देशभक्ति से कुदरत को भी जवाब दे दिया।

गांव के चारों तरफ अभी भी बाढ़ है गांव के युवाओं ने ग्राम प्रधान सरिता रतूड़ी और अन्य लोगों के साथ 15 अगस्त मनाने की ठानी। दुःख की इस घड़ी में ये सब कुछ आसान नही था। चारों तरफ बाढ़ से मची दबाही, टूटे घर, आंखों में आंसू भी युवाओं की देश भक्ति की भावना को कम नहीं कर सके । गांव के युवाओं ने गंगा चौक पर एकत्रित होकर ध्वजारोहण किया ।ध्वजारोहण स्थल पर स्कूली बच्चों ने भी प्रतिभाग किया। गांव की महिलाओं बुजुर्गों और अन्य लोगों ने भी बाढ़ की इस आपात स्थिति में भारत माता की जय के नारे लगाएं । इसके बाद गांव की 3 छोटी कन्याओं के द्वारा ध्वजारोहण किया गया । युवाओं ने बताया कि कन्याओं से ध्वजारोहण कराने का उद्देश्य बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को बढ़ावा देना है। साथ ही ध्वजारोहण के बाद किसी भी प्रकार का राजनीतिक भाषण नहीं दिया गया । ग्रामीणों ने बताया पिछले 20 दिनों से भी ज्यादा समय से ग्राम सभा गौरी माफी सॉन्ग के पानी में जलमग्न है लेकिन शासन प्रशासन उनके साथ ऐसा व्यवहार कर रहा है मानो जैसे की गोहरी माफ़ी ग्राम सभा भारत का हिस्सा ही ना हो । पिछले 27 जुलाई से अब तक 5 मकान, सैकड़ों बीघा जमीन पानी में बह गई है।

सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं आवागमन के सारे रास्ते बंद हो चुके हैं लेकिन शासन प्रशासन अभी तक गांव की तरफ आए सॉन्ग के पानी को कम नहीं कर सका है। मौके पर ग्राम प्रधान सरिता रतूड़ी उपप्रधान कीर्ति सिंह रावत नवीन नौटियाल देवेंद्र सेमवाल दीपक गैरोला दीपक नौटियाल, सुषमा देवी, दिगम्बर गौनियल, त्रिपन सिंह, पूर्ण सिंह क्लूड, लखपति, सोबन सिंह, शिशपाल रावत, हेमलता कोटियाल , आषाढ़ सिंह, राजेन्द्र सिंह आदि रहे।