राष्ट्रमंडल खेलों का समापन, भारत ने 26 स्वर्ण सहित जीते कुल 66 पदक

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नई दिल्ली,  ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में चार अप्रैल से शुरू हुए 21वें राष्ट्रमंडल खेलों का समापन हो गया। इन खेलों में भारत पदक तालिका में 66 पदकों के साथ तीसरे नंबर पर रहा। जिसमें 26 स्वर्ण, 20 रजत और 20 कांस्य पदक शामिल हैं। यह भारत का इन खेलों में तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

मेजबान ऑस्ट्रेलिया 198 पदकों के साथ शीर्ष पर रहा, जिसमें 80 स्वर्ण,59 रजत और 59 कांस्य पदक शामिल हैं। वहीं, इंग्लैंड की टीम 136 पदकों के साथ दूसरे नंबर पर रही। जिसमें 45 स्वर्ण, 45 रजत और 46 कांस्य पदक शामिल हैं।

भारोत्तोलन में नौ पदक 

21वें राष्ट्रमंडल खेलों भारत के लिए स्वर्ण पदक की शुरूआत भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने किया था। भारोत्तोलन में भारत को पांच स्वर्ण,दो रजत और दो कांस्य सहित 9 पदक मिले।

टेबल टेनिस में आठ पदक

टेबल टेनिस में भारत ने कभी इन खेलों में स्वर्ण पदक नहीं जीता था, लेकिन इस बार टेबल टेनिस में भारत को तीन स्वर्ण, दो रजत और तीन कांस्य सहित कुल आठ पदक मिले।

निशानेबाजी में भारत ने जीते सबसे ज्यादा 16 पदक

इस बार राष्ट्रमंडल खेलों में सबसे ज्यादा पदक भारत को निशानेबाजी में मिले। भारतीय निशानेबाजों ने इस बार 16 पदक जीते, जिसमें सात स्वर्ण,चार रजत और पांच सिल्वर और पांच कांस्य पदक शामिल हैं। इसमें 15 वर्षीय अनीश और 16 वर्षीय मनु भाकर ने स्वर्ण जीतकर इतिहास रच दिया है। अनीश राष्ट्रमंडल खेलों में सबसे कम उम्र में पदक जीतने वाले निशानेबाज बने।

कुश्ती में भारत ने जीते 12 पदक 

कुश्ती में भी भारतीय पहलवानों ने शानदार प्रदर्शन किया। कुश्ती में भारत को 12 पदक मिले, जिसमें पांच स्वर्ण,तीन रजत और चार कांस्य पदक शामिल हैं।

मुक्केबाजों का शानदार प्रदर्शन, जीते 9 पदक 

इस बार भारतीय मुक्केबाजों का भी शानदार प्रदर्शन रहा। मैरी कॉम ने पहली बार इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और स्वर्ण पदक जीता। मुक्केबाजों ने कुल नौ पदक जीते, जिसमें तीन स्वर्ण,तीन रजत और तीन कांस्य पदक शामिल हैं।

बैटमिंटन में भारत ने जीते 6 पदक 

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने इस बार छह पदक देश के नाम किये। जिसमें दो स्वर्ण,तीन रजत और और एक कांस्य पदक शामिल है।

एथलेटिक्स में स्वर्ण और स्क्वैश में रजत 

एथलेटिक्स में भाला फेंक स्पर्धा में नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण और स्क्वैश में दीपिका पल्लीकल और जोशन चिनप्पा की जोड़ी ने रजत जीता।

वहीं हॉकी में भारतीय महिला और पुरूष हॉकी दोनों ही टीमें कांस्य पदक से चूक गईं। 

उल्लेखनीय है कि इस बार कुल 23 स्पर्धाएं थीं, जिसमें 71 राष्ट्रमण्डल देशों के लगभग 4,230 खिलाड़ियों ने कुल 839 पदकों के लिए प्रतिस्पर्धा की। इन 839 पदकों में 274 स्वर्ण, 276 रजत और 289 रजत पदक थे। इस बार इन खेलों में भारत के 227 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।

बता दें कि इन खेलों में भारत का पहला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वर्ष 2010 में रहा, जब दिल्ली ने इन खेलों की मेजबानी की थी। भारत ने दिल्ली में 101 पदक जीते था, जिसमें 38 स्वर्ण,27 रजत और 36 कांस्य पदक शामिल थे। इसके बाद ग्लास्गो में भारत 15 स्वर्ण के साथ पांचवें स्थान पर था।