भारत के हिस्से में आया आस्कर

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मुंबई,  विश्व के सबसे प्रतिष्ठित माने जाने वाले आस्कर पुरस्कारों को लेकर आम तौर पर भारतीय दर्शकों में निऱाशा रहती है, क्योंकि बहुत कम मौके ऐसे हुए हैं, जब किसी भारतीय फिल्म को आस्कर की ट्राफी मिली हो।

अमेरिका के लास एजेंल्स में हुए 91वें अकादमी पुरस्कार समारोह में भारतीय फिल्म को आस्कर ट्राफी हासिल हुई। आस्कर की शार्ट फिल्म कैटेगिरी में महिला निर्माता गुनीत मोंगा द्वारा बनाई गई शार्ट फिल्म ‘पीरियड एंड आफ सेंटेंस’ को आस्कर पुरस्कार मिला है।

ये शार्ट फिल्म पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के काठीखेड़ा गांव की युवती स्नेहा की जिंदगी पर आधारित है, जिसे महावारी को लेकर घर-परिवार से बहुत चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। आस्कर जीतने के बाद गुनीर मोंगा की तरफ से जारी बयान में इसे भारतीयता की जीत बताते हुए कहा है कि,” इस पुरस्कार से हम गौरांवित महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस फिल्म के पीछे उनकी टीम ने दस साल लगातार मेहनत की और कभी हार नहीं मानी। इस फिल्म से पहले पांच बार आस्कर के मंच पर भारतीयों को पुरस्कृत किया गया है।”

1983 में पहली बार रिचर्ड एटेनबरो की फिल्म गांधी के लिए भानु अथैया को बेस्ट कास्ट्यूम के लिए आस्कर मिला था। 1991 में महान फिल्मकार सत्यजीत रे को विशेष आस्कर से सम्मानित किया गया था। 2008 में स्लमडाग मिलेनियर के लिए संगीतकार एआर रहमान, गीतकार गुलजार और साउंड डिजाइनर रेसुल पोक्कुट्टी को आस्कर मिल चुका है। 2001 में आमिर खान की फिल्म लगान सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म की श्रेणी में अंतिम दौर तक पंहुची थी, लेकिन फाइनल में इसे निराशा हाथ लगी थी।