भारतीय मूल की नियोमी राव बनीं अमेरिकी कोर्ट ऑफ अपील की जज

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वाशिंगटन, रिपब्लिकन बहुल सीनेट ने बुधवार को बहुमत के निर्णय से भारतीय मूल की कानूनविद नियोमी राव की डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया सर्किट कोर्ट ऑफ अपील में जज के रूप में नियुक्ति की पुष्टि कर दी है। अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट के बाद यह दूसरी बड़ी अदालत है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा नामित 45 वर्षीय नियोमी राव दूसरी भारतीय अमेरिकी महिला हैं जिन्हें यह गौरव हासिल हुआ है। इस नियुक्ति के बाद कहा जा रहा है कि ट्रम्प को न्यायिक प्रक्रियाओं में अपनी बात मज़बूती से कहने में मदद मिलेगी। नियोमी राव इसके पहले व्हाइट हाउस में सूचना एवं नियामक मामलों की प्रशासक थीं।

साउथ कैरोलिना के सीनेटर और सीनेट की न्यायिक समिति के अध्यक्ष लिंडसे ग्राहम के प्रस्ताव पर नियोमी राव को 53-46 मतों से विजय मिली। इस पर लिंडसे ने नियोमी राव की प्रबंध नियामक और क़ानून में योग्यता की सराहना की है। नियोमी ने एक माह पहले सीनेट की न्यायिक समिति के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत किए थे और तभी से रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटरों ने मन ही मन उनकी नियुक्ति की पुष्टि का फ़ैसला कर लिया था। इसके विपरीत डेमोक्रेटिक पार्टी को नियोमी राव के महिला अधिकारों को लेकर गर्भाधान और यौनाचार के विषयों पर लिखे आलेखों पर आपत्ति थी। उनका स्पष्ट कहना था कि यौनाचार का मामला एक महिला के व्यवहार से संबंधित है। उसे उसके व्यवहार से ही ठीक किया जा सकता है।

अमेरिका की येल और शिकागो विश्वविद्यालय से लॉ ग्रेजुएट नियोमी राव अब ब्रेट कोवनोह का स्थान लेंगी, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खास थे। संयुक्त राज्य अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट के बाद डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया सर्किट कोर्ट ऑफ अपील दूसरी बड़ी अदालत है।

डीसी सर्किट कोर्ट ऑफ अपील के पास महत्वपूर्ण नियामक, राष्ट्रीय सुरक्षा और शक्तियों के पृथक्करण जैसे विषयों पर सुनवाई करने का अधिकार है। राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में दीपावली के जश्न के दौरान अमेरिका में भारतीय राजदूत नवतेज सिंह सरना की मौजूदगी में राव की नियुक्ति की घोषणा की थी।