नई दिल्ली, आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के खिताबी मुकाबले में भारत और आस्ट्रेलिया की टीमें आमने-सामने होंगी। दोनों ही टीमें तीन-तीन बार विश्व कप का खिताब जीत चुकी हैं और जो भी टीम कल खिताब जीतेगी वह टूर्नामेंट के इतिहास की सबसे सफल टीम बन जाएगी।
भारत ने अपने टूर्नामेंट के शुरुआती दौर में ऑस्ट्रेलिया को 100 रनों से हराकर मनोवैज्ञानिक लाभ हासिल किया है। इसके अलावा भारतीय टीम ने वर्ष 2012 के खिताबी मुकाबले में भी ऑस्ट्रेलिया को मात दी थी। वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम ने विश्व कप में भारत को 1988 और 1998 में शिकस्त दी है।
भारत टूर्नामेंट में एकमात्र ऐसी टीम है, जो ऑस्ट्रेलिया को मात देते हुए अजेय रहकर फाइनल तक पहुंची है। शुभम गिल के अगुवाई में भारतीय बल्लेबाजों ने प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया है। भारतीय टीम ने वर्ष 2000, 2008 और 2012 में खिताब जीता है और पृथ्वी शॉ की अगुवाई में भारतीय टीम अपने चौथे खिताब से मात्र एक कदम दूर है।
खिताबी मुकाबले को लेकर भारतीय टीम के कप्तान पृथ्वी शॉ ने कहा कि टीम के लिए तेज गेंदबाजों ने प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया है और खिताबी मुकाबले में भी उनसे यही उम्मीद है। उन्होंने कहा, “जब भी टीम को जरूरत हुई है,तेज गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया है। जब भी मैं उन्हें विकेट के लिए कहता हूँ तब वे विकेट निकालकर देते हैं। उनके पास अच्छी तेजी और फिटनेस दोनों हैं। कमलेश नागरकोटी, ईशान पोरेल और शिवम मावी सभी ने शानदार प्रदर्शन किया है।”
दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलियाई कप्तान जेसन संगा ने कहा कि, उनकी टीम भारत के खिलाफ खिताबी मुकाबले में हर हाल में जीत दर्ज करना चाहेगी। हमारी टीम ने 1998, 2002 और 2010 में खिताब जीता है और अब हमारा लक्ष्य चौथा खिताब जीतकर इतिहास रचने का है। उन्होंने कहा, “प्रतियोगिता के पहले मैच में भारत के हाथों 100 रनों से मिली शिकस्त का टीम के ऊपर कोई दबाव नहीं है। खिताबी मुकाबले का रोमांच है और सबसे बड़ी बात यह मैच एक अलग पिच पर खेला जाएगा। यदि शुरूआत में हम कुछ विकेट हासिल करने में सफल होते हैं तो निश्चित रूप से भारतीय टीम को हम दबाव में ला देंगे।”