उत्तराखंड के रानीखेत के बिल्लेख गांव में गोपाल उप्रेती ने नया कीर्तिमान बनाते हुए अपने बाग में उगे जैविक धनिया के पौधों को विश्व रिकॉर्ड में जगह दिलाई है। यह दुनिया का सबसे ऊंचा 2.16 मीटर यानी 7.1 फुट का धनिये का पौधा हौ और इसे गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल किया गय है। इंगलैंड स्थित मुख्यालय ने दो जून को मेल के जरिए उप्रेती को लिंक भेज इसकी जामकारी दी।
दरएसल मूल रूप से दिल्ली में कारोबार करने वाले गोपाल उप्रेती लॉकडाउन लागू होने पर बीती मार्च में पहाड़ लौट आए थे। उन्होंने बिल्लेख (ताड़ीखेत ब्लॉक) गांव स्थितत अपने सेब बागान में मल्टीपल इंटरक्रॉप पद्धति से धनिया व लहसुन उगाया। महीनेभर के भीतर ऑर्गेनिक तरीके से उगाए गए धनिया के पौधों की ऊंचाई 6.1 फुट तक पहुंच गई। तब गोपाल ने इंडिया बुक के साथ ही गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स मुख्यालय में दावा पेश किया।
उप्रेती के न्यौते पर बीती 21 अप्रैल को जिला उद्यान अधिकारी त्रिलोकीनाथ पांडेय तथा विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (वीपीकेएएस) के वैज्ञानिक डॉ. गणेश चौधरी ने बागान का जायजा लिया। तब ऊंचाई 5.7 फुट मापी गई। 30 अप्रैल तक 6.1 फुट तो मई पहले पखवाड़ा पूरी तरह परिपक्व होने पर पौधों की ऊंचाई बढ़कर 7.1 फुट तक जा पहुंची। आठ मई को धनिया के पौधों की रिकॉर्ड ऊंचाई इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुई।
गोपाल उप्रेती ने बताया कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड मुख्यालय से मेरे पास बीती दो जून को मेल से यह सूचना मिली। उन्होंने लिंक भी भेजा है, साथ ही सूचित किया है कि 15 दिन के भीतर कुरियर के जरिये विश्व के सबसे ऊंचे धनिया के पौधे होने का रिकॉर्ड संबंधी पत्र भेज दिया जाएगा। दुनिया में अभी तक धनिया का सबसे ऊंचा पौधा 5.11 फुट का है।