देहरादून। इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने उद्योगिक क्षेत्रों में आ रही परेशानियों को लेकर मुख्य सचिव से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान एसोसिएशन ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर उनके समाधान की मांग की। मामले में मुख्य सचिव ने जल्द सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया।
गुरुवार को इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता के नेतृत्व में एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से मिला। जहां उन्होंने उद्योगों से सम्बन्धित विभिन्न मुददो को प्रमुखता के साथ उठाया। एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि बैठक में सर्वप्रथम पर्वतीय जिलों में उद्योगों से सम्बन्धित भूमि विषयों को लेकर सुझाव दिए गए। ताकि वर्चुअल लैंड बैंक की स्थापना की जा सके। जिसके माध्यम से लोग अपनी भूमि को किसी भी प्रकार की व्यवसायिक गतिविधियों के लिए भूमि क्रय कर सकें। ईज आॅफ डूइंग बिजनेस के अन्तर्गत अग्निशमन विभाग की विस्तृत गाइडलाइन्स नहीं होने के अभाव में उद्योगों को आ रही कठिनाईयों से भी मुख्य सचिव को अवगत करवाया। इसे लेकर प्रमुख सचिव ने तत्कात अग्निशमन विभाग को एक सप्ताह के अन्दर अग्निशमन की गाइडलाइन्स जारी करने के निर्देश दिए। बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि एसोसिएशन द्वारा हर जिले में जिला औद्योगिक समन्वय समिति का गठन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में किया जायेगा एवं यह समिति हर जिले में किसी भी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने का कार्य करेगी। इसकी विस्तृत रूपरेखा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड को एक सप्ताह के अन्दर शासन को भेजनी है। क्वॉलिफाइड एंड प्रोफेशनल इकोनॉमिक डवलपमेंट आॅफीसर भी नियुक्त किया जाएगा। प्रथम चरण में यह समिति राज्य के गढवाल एवं कुमांउ के एक-एक जिले में गठित की जाएगी। इसकी सफलता को देखते हुए इसका गठन अन्य जिलो में भी किया जाएगा।
मुख्य सचिव द्वारा जिला उद्योग मित्र की बैठकें नियमित नहीं किए जाने पर अपनी नाराजगी
प्रकट की और उनके द्वारा तुरन्त इस सम्बन्ध में सभी जिलाधिकारियों को समय से जिला उद्योग मित्र की बैठक आयोजित करने हेतु एक पत्र भेजने का आदेश दिया गया। बैंक सम्बन्धित पीसीए के अन्तर्गत विभिन्न बैंको द्वारा प्रदेश में उद्योगों को ऋण न उपलब्ध कराए जाने से मुख्य सचिव द्वारा भारतीय रिर्जव बैंक के आंचलिक प्रबन्धक से वार्ता कर यह स्पष्ट किया गया कि इस प्रकार की कोई बंदिश सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों पर नहीं लगाई गई है। इसे लेकर भारतीय रिर्जव बैंक तुरन्त सभी बैंको को यथासमभव निर्देश जारी करेगा। इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलों में ईएसआई डिस्पेंसरी के लिये मुख्य सचिव द्वारा द्वारा सचिव, श्रम को जिलाधिकारियों से संपर्क कर भूमि की समुचित व्यवस्था करने को लेकर भी निर्देश दिए गए।
मुख्य सचिव ने मुख्य अभियन्ता, लोक निर्माण विभाग को आईएसबीटी से रिस्पना पुल की 3.5 किमी चार लेन सड़क पर तुरन्त टेन्डरिंग व्यवस्था कर इस पर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। इतना ही नहीं कार्य समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने को कहा गया। मुख्य सचिव ने आईएसबीटी के आसपास लगने वाले जाम की शिकायत को भी समाधान करने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
एसोसिएशन ने मुख्य सचिव के सामने उत्तराखंड में विकसित किये जा सकने वाले विभिन्न क्लस्टरों को लेकर भी सुझाव दिए। बैठक में कई अन्य मांगों को लेकर अगले माह एक विस्तृत बैठक कर चर्चा करने का निर्णय लिया गया। इस दौरान एसोसिएशन ने दुबई की तर्ज पर उत्तराखंड स्टेट फ्यूचर फाउंडेशन की स्थापना किए जाने का भी सुझाव दिया। मांगों और सुझावों को लेकर मुख्य सचिव ने सराहते हुए जल्द सकारात्मक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधि मंडल में वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजीव अग्रवाल, सचिव मनोज गोयल, हरिद्वार चैप्टर चेयरमैन जीपी रतुड़ी आदि मौजूद रहे।