देहरादून। आरटीआइ एक्ट ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट से ऊपर है और इसका हवाला देकर सूचना देने से इन्कार नहीं किया जा सकता। सिर्फ आरटीआइ एक्ट की धारा 08, 09 व 11 से संबंधित सूचनाएं नहीं दी जा सकती हैं। यह बात मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह ने उत्तराखंड जलविद्युत निगम (यूजेवीएन) लि. से मांगी गई सूचनाओं के संबंध में कही।
बीते दिनों मॉडल कॉलोनी आराघर निवासी राकेश बड़थ्वाल ने यूजेवीएन से विभिन्न 23 बिंदुओं पर सूचना मांगी थी। इसके क्रम में यूजेवीएन ने तमाम बिंदुओं पर गोपनीयता का हवाला देते हुए जानकारी देने से इन्कार कर दिया। राकेश बड़थ्वाल ने इसके खिलाफ सूचना आयोग में अपील की और बताया कि जो सूचनाएं उन्होंने मांगी है, वह भ्रष्टाचार से संबंधित हैं और अधिकारी अपनी खामी छिपाने के लिए गोपनीयता का बहाना कर रहे हैं। आयोग के जवाब तलब करने पर निगम के उप महाप्रबंधक (आइटी) ने बताया कि सूचना को इसलिए गोपनीय माना गया, क्योंकि निगम की दक्षता बढ़ाने के लिए एक अच्छा प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में आशंका है कि सूचना देने के बाद उसमें बाधा उत्पन्न करने की तरह-तरह की कोशिश की जा सकती हैं। मुख्य सूचना आयुक्त ने शत्रुघ्न सिंह ने अपनी टिप्पणी में कहा कि आरटीआइ एक्ट ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट को भी अतिक्रमित करता है। लिहाजा निगम अधिकारी यह बताएं कि गोपनीयता का कोई और कारण है या नहीं। इस पर यूजेवीएन उप महाप्रबंधक ने कहा कि और कोई कारण नहीं है, लिहाजा आयोग ने निर्देश दिए कि अपीलार्थी को सभी सूचनाएं प्रदान कर दी जाएं। साथ ही भविष्य के लिए अधिकारियों को सचेत भी किया कि वह आरटीआइ एक्ट के तहत सूचना देने से इन्कार न करें।