आंदोलन और त्योहारों के संबंध में डीजीपी ने दिए कानून व्यवस्था बनाये रखने के निर्देश

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देहरादून। पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) अनिल के. रतूड़ी ने उत्तराखण्ड के सभी जनपद प्रभारियों व परिक्षेत्र प्रभारियों के साथ आगामी 10 अप्रैल को प्रस्तावित आरक्षण विरोधी कार्यक्रम, बैसाखी, आम्बेडकर जयंती एवं सोमवती अमावस्या पर्व के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश की कानून व्यवस्था बनाये रखने के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की।
बैठक में रतूड़ी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय,नई दिल्ली द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम पर पारित आदेश के विरोध में कतिपय संगठनों द्वारा बीते दो अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया गया था। जिस दौरान देश के विभिन्न शहरों, उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों के साथ-साथ राज्य में भी कुछ स्थानों पर बंद कराने का प्रयास, सड़क जाम, तोड़-फोड़, आपसी टकराव आदि घटनायें घटित हुई थी, जिसमें स्थानीय पुलिस द्वारा आवश्यक वैधानिक कार्रवाई करते हुए शान्ति व्यवस्था बनाए रखी।

इस सम्बन्ध में सोशल मीडिया पर चल रहे वार्तालाप एवं अन्य श्रोतों के माध्यम से विदित हो रहा है कि 10 अप्रैल को कुछ व्यक्ति/समूह आरक्षण के विरोध में प्रर्दशन कर सकते हैं। यद्यपि अभी तक इसमें कोई संगठन सामने नहीं आया है परन्तु सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदर्शन सम्बन्धित सन्देश प्रसारित हो रहे हैं। जिसके लिए हमे तैयार रहना है तथा 13 एवं 14 को अप्रैल बैसाखी पर्व, 14 अप्रैल को आम्बेडकर जयन्ती एवं 16 अप्रैल को सोमवती अमावस्या के दृष्टिगत अधिक सर्तकता बरतने की आवश्यकता है, जिससे शान्ति व्यवस्था बनी रहे।
डीजीपी रतूड़ी एवं एडीजी अशोक कुमार (अपराध एवं कानून व्यवस्था) द्वारा सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में कई बिन्दुओं पर दिशा-निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने समस्त जनपद प्रभारी स्थानीय अभिसूचना तंत्र से समन्वय स्थापित कर उन्हें सर्तक रखते हुए सूचना संकलित करने को कहा है।
समस्त जनपद प्रभारियों को जनपदों में गठित सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल की कार्यकुशलता बढ़ाते हुए सोशल मीडिया पर किए जा रहे प्रचार/दुष्प्रचार पर विशेष ध्यान दिया जाए एवं आवश्यकता अनुसार वैधानिक कार्रवाई की जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति जो उपद्रव कर सकते है या लोगों को भड़काकर गलत रास्ते पर ले जा सकते हैं उनको चिन्हित करते हुए उन्हें शान्ति व्यवस्था के हित में उनके विरुद्ध समय से निरोधात्मक व दण्डात्मक कार्रवाई की जाए तथा 107/116 सीआरपीसी में पाबंध किया करवाया जाये।
अफवाहों को किसी भी दशा में फैलने न दिया जाए, सोशल मीडिया पर निरन्तर निगरानी रखी जाए यदि कोई भ्रामक सूचना फैलायी जाती है तो तुरन्त उसका प्रतिरोध किया जाए तथा भ्रामक सूचना फैलाने वाले के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। जनपद के थाना/चौकी, पुलिस लाइन, कार्यालयों एवं शाखाओं में नियुक्त अधिक से अधिक पुलिस बल को कानून व्यवस्था ड्यूटी में नियुक्त किया जाए। पुलिस बल के पास वीडियोग्राफी की व्यवस्था हो एवं समस्त कार्रवाई की वीडियोग्राफी करायी जाए।
धार्मिक स्थलों एवं गणमान्यों व्यक्तियों की प्रतिमाओं की सुरक्षा के लिए ऑपरेशन क्लीन-स्वीप चलाया जाए। जिलाधिकारी से समन्यवय स्थापित करते हुए जनपदों में थाना/सर्किल स्तर पर शान्ति समिति की बैठक आयोजित की जाए।
आम्बेडकर जयन्ती के अवसर पर आयोजित होने वाली शोभायात्रा एवं जुलूस की जानकारी कर ली जाए एवं सुनिश्चित कर लिया जाए की शोभायात्रा एवं जुलूस परम्परागत मार्ग से ही निकला जाए। किसी भी दशा में शोभायात्रा एवं जुलूस में कोई भी परिवर्तन न किया जाए।
बैसाखी एवं सोमवती अमवस्या के अवसर पर जनपद हरिद्वार में कई श्रद्धालुओं का अवागमन रहेगा, जिसके लिए यातायात एवं शान्ति व्यवस्था हेतु कार्ययोजना तैयार कर ली जाए जिससें मार्गों पर जाम की स्थिति उत्पन्न ना हो सके।