देहरादून, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि, “हाल ही में केंद्र सरकार ने इकोनॉमी में उठाए गए कदमों से उत्तराखंड को भी बड़ा फायदा होगा। पिछले एक डेढ़ साल से उत्तराखंड में निवेश और उद्योगों को मजबूत करने के लिए की गई पहल को अब और मजबूती मिलेगी।” उन्होंने कहा कि, “प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए हमने अनेक नई नीतियां बनाई हैं और अनेक नीतियों मे आवश्यक संशोधन किए हैं। सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम को मजबूती दी है। इन्वेस्टर्स समिट के बाद अब तक 17 हजार करोड़ रुपए का निवेश ग्राउंडेड हो चुका है। केंद्रीय वित्तमंत्री ने आर्थिक सुधारों की जो घोषणाएं की हैं, उसके बाद हमारे प्रयासों को और भी ज्यादा बल मिलने वाला है। इन घोषणाओं का सीधा फायदा उत्तराखंड के उद्योग जगत को मिलने वाला है।”
टैक्स और जीएसटी को घटाया
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड एक पर्यटन राज्य है। पर्यटन को बूस्ट करने के लिए नई पर्यटन नीति बनाई है। जीएसटी की दरों में संशोधन से टूरिज्म और सर्विस बेस्ड इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा। पहले 2500 से 7500 रुपये तक के होटल कमरों पर 18 प्रतिशत टैक्स लगता था, जिसे घटाकर 12 प्रतिशत किया गया है। इसी तरह 7500 से ऊपर के होटल कमरों पर पहले 28 प्रतिशत जीएसटी लगता था जिसे घटाकर 18 प्रतिशत किया गया है। एक हजार रुपये से कम के होटल कमरों पर पांच प्रतिशत तक जीएसटी लगता था। लेकिन अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा। राज्य के होटल व्यावसायियों का कहना है इससे राज्य में होटल व्यवसाय में 15 से 20 प्रतिशत तक ग्रोथ होगी। इससे उत्तराखंड में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर मजबूत होगा। ज्यादा पर्यटक आने से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा, रोजगार की नई संभावनाएं पैदा करेगा।
उत्पादों को भंडारण की उचित व्यवस्था मिलेगी
भंडारण योग्य खाद्य पदार्थों पर भंडारण के समयानुसार छूट दी जाएगी इससे उत्तराखंड में भी फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को छूट मिल सकेगी। यहां के उत्पादों को भंडारण की उचित व्यवस्था मिलेगी, उत्पादों की खपत बढ़ेगी तो स्थानीय काश्तकारों को फायदा मिलेगा। इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हुआ है। राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लागू की है, जिसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रचलन बढ़ेगा, लोगों को रोजगार मिलेगा, इलेक्ट्रिक वाहनों से प्रदूषण पर नियंत्रण लगेगा।
कॉरपोरेट टैक्स दरों में की कटौती
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं। कॉरपोरेट टैक्स दरों में कटौती की गई है। यदि कोई घरेलू कंपनी किसी प्रोत्साहन का लाभ नहीं ले रही है तो उसे केवल 22 फीसदी टैक्स चुकाना होगा। पहले उद्यमियों को 30 प्रतिशत तक टैक्स चुकाना होता था। मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में जो कंपनियां एक अक्टूबर 2019 के बाद निवेश करेंगी उनको केवल 15 फीसद टैक्स चुकाना होगा। यानि मैन्युफैक्चरिंग में निवेश और रोजगार की अपार संभावनाएं पैदा होंगी।