मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पुलिस मुख्यालय में पुलिस वार्षिक सम्मेलन में घोषणा करते हुए कहा कि गैरसैंण में इंडियन रिजर्व बटालियन की तीसरी यूनिट (आईआरबी -थर्ड) खोली जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग को मजबूती प्रदान करने के लिए इसका मॉर्डनाइजेशन अति आवश्यक है। इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की 05 पुलिस लाइनों के उच्चीकरण किए जाने पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में एंटी ड्रग पॉलिसी लाए जाने की आवश्यकता है। साथ ही जो क्षेत्र ड्रग से अछूते हैं, उनमें इसे फैलने से रोकना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए जनजागरूकता आवश्यक है।
-उत्तराखंड प्रदेश की 5 पुलिस लाइनों के उच्चीकरण किए जाने पर सहमति
– एंटी ड्रग पॉलिसी की जाएगी तैयार, स्टूडेंट पुलिस कैडेट को मिलेगी ड्रेस
-आपातकालीन परिस्थितियों में पुलिस को हैली सर्विस की होगी व्यवस्था
-पैट्रोलिंग बढ़ाने के लिए वाहनों की संख्या बढ़ाए जाने पर बनी सहमति
मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र पुलिस कैडेट के लिए भी वर्दी की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने पैट्रोलिंग बढ़ाने के लिए वाहनों की संख्या बढ़ाए जाने पर सहमति व्यक्त की और कहा कि आपदा, दुर्घटना एवं अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में पुलिस विभाग को हैली सर्विस भी उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य की पुलिस को अपग्रेड करने हेतु हर सम्भव प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बैठक के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की बैठकें समय-समय पर की जानी चाहिए। इससे पुलिस विभाग की चुनौतियों और समस्याओं को समझे जाने में सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि अभी सबसे बड़ी चुनौती कुम्भ-2021 है। इसकी सफलता के लिए हमारा सिस्टम पूरी तरह से तैयार है। पुलिस विभाग के मॉर्डनाईजेशन के लिए हर सम्भव प्रयास किए जाएंगे। सीमिति संसाधनों के बावजूद कोविड-19 जैसी परिस्थितियों में पुलिस विभाग एवं अन्य फ्रंटलाईन वर्कर ने अतिमहत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है।
सचिव गृह नितेश झा ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस ने पिछले 20वर्षों में विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए एक अच्छा मुकाम हासिल किया है। पुलिस विभाग में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से बहुत सी नियमावलियां बनायी गयी हैं। साइबर अपराध को रोकना चुनौतीपूर्ण कार्य है, इसके लिए पुलिस सिस्टम को मॉर्डनाईज किया जा रहा है। आधुनिक उपकरणों की सहायता ली जा रही है।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि प्रदेश में स्मार्ट पुलिसिंग की दिशा में अनेक पहल की गयी है। समाज सुधार के क्षेत्र में ऑपरेशन मुक्ति जैसे प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके परिणाम स्वरूप 717 भीख मांगने वाले बच्चों को विद्यालय में एडमिशन दिलाया गया है एवं उनकी निगरानी भी की जा रही है। भीख मांगने वाले बच्चों के माता-पिता को जागरूक करने हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। क्राईम और क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम के क्रियान्वयन में उत्तराखण्ड का देश में 5वाँ और पर्वतीय राज्यों में प्रथम स्थान है।
पुलिस उपमहानिरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल ने विस्तृत प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि ऑपरेशन स्माईल के तहत पिछले 05 साल में 2300 बिछड़े हुए बच्चों को उनके परिवारजनों से मिलाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश, सी.पी.यू. के गठन के लिए वर्ष 2017 में एवं ई-सुरक्षा चक्र के लिए वर्ष 2018 में पुरस्कार प्राप्त कर चुका है, इसके साथ ही विगत 03 वर्षों में प्रदेश के 03 थानों ने देश के टॉप-10 थानों में अपना स्थान बनाया है।