राज्य सरकार ने लगातर खात्मे की तरफ जाती नैनी झील को बचाने की जिम्मेदारी अब सिंताई विभाग को दी है। अभी तक ये काम लोक निर्माण विभाग के पास था। सोमवार को सिंचाई विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रदेश की नदियों और झीलों के पुनर्जीवन को सिंचाई विभाग की प्रथमिकताओं में शामिल करने के निर्देश दिए। नैनी झील की देखरेख लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने नैनी झील के पुनर्जीवन एवं जल संग्रहण को बढ़ाने के लिए इसे सिंचाई विभाग को सौंपने के निर्देश दिए।इससे पहले सिंचाई विभाग ने कोसी नदी के पुनर्जीवन के लिए तीन सालों में लगभग 53 लाख रूपये की योजना बनाई है। इसी तरह भीमताल और नौकुचियाताल के लिए भी योजना बनाई जा रही है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से नैनीताल की मशहूर नैनी झील के जलस्तर में लगातार सामान्य से ज्यादा गिरावट दर्ज हो रही है। जिसके चलते यहां आ रहे पर्यटक तो निराश हैं ही साथ ही आम लोगों और पर्यावर्ण के जानकारों के बीच झील के खत्म होने का डर भी पसर गया है।