इटालियन प्रजाति के सेब बनेंगे किसान की आजीविका का साधन

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सेब
(नई टिहरी) जल्द ही गजा के काश्तकार रणवीर सिंह चौहान के लिए  500 इटालियन सेब के पेड़ों का बगीचा वरदान साबित होगा। बीते साल से सेब के बगीचे को उद्यान विभाग की मदद से रणवीर सिंह चौहान गजा के दुवाकोटी भरड़ीगाड तोक में 10 नाली  भूमि पर स्थापित करने का काम कर रहे हैं। इन दिनों बगीचे में सेब के पौधों को सहारा देने के लिए 60 पोलों को ग्राउटिंग कर खड़ा किया गया है। सेब के बगीचे में इटैलियन जिरोमाइन, रेडकैप, रेडलमगाला, ग्रेनीस्मिथ व हैपके जाति के 500 पौधों का रोपण पिछले साल किया गया था।
गजा के काश्तकार रणवीर सिंह चौहान बताते हैं कि उद्यान विभाग की मदद से उन्होंने बीते साल से 500 इटालियन प्रजाति के सेब के पौधों से बगीचा बनाने का काम शुरू किया। इसका काम तेजी से किया जा रहा है। जल्दी सेब देने वाली इन सेब की प्रजातियों से उन्हें अगले सालों में अच्छी आय की उम्मीद है। यह प्रजाति कम जगह घेरने तथा जल्दी फल देने वाली है । अंशदान योजना के तहत आठ पौधों के बीच दो पोलों को ग्राउटिंग जमीन में करने का काम किया जा रहा है।  कुछ समय पहले प्रति मीटर की दूरी पर ट्रेंच , खाई , खाद , गोबर , ट्राईकोड्रमा आदि से बेड तैयार किया गया, साथ ही पानी के निकासी के लिए दोनों तरफ से खाई खोदी गई। समय-समय पर कीटनाशक फंगिसाइड के स्प्रे  किये गये । पोलों पर पौधों को सहारा देने के लिए तीन तार खींची जाएगी। यह कुल योजना 6 लाख रुपये की है । इसमें चार लाख अस्सी हजार रुपये की राजकीय सहायता है।
उद्यान विभाग गजा के प्रभारी पंकज पटवाल का कहना है कि 1500  से  1800 मीटर समुद्र तल ऊंचाई पर क्लोनल रूट स्टाक सेब की भारी सम्भावना इस क्षेत्र में है। अन्य कृषकों को भी जिले की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ उठाना चाहिए। काश्तकार रणवीर चौहान का 10 नाली में तैयार किया गया बगीचा काश्तकारों के लिए प्रेरणादाई है। सेब उत्पादन से बेहतर आय होगी। अगले साल तक बगीचे में सेब का उत्पादन होने की उम्मीद है।