बल भद्र और सुभद्रा को ऋषीकेश के नगर वासीयो के बीच लाया गया। यात्रा मधुबन आश्रम से निकलकर ऋषिकेश बाजार तक भव्य रूप से निकाली गयी जिसमे देशी-विदेशी पर्यटकों ने भी हिस्सा लिया। ऋषीकेश में हर साल पूरी जग्गंनाथ रथ यात्रा यात्रा निकाली जाती है, जिसमे देश – विदेश से आये श्रधालू बड़ी श्रधा के साथ इस रथ यात्रा में भाग लेते है और पूरा नगर, ‘जय जग्गनाथ व हरे रामा-हरे कृष्णा’ की गूंज से भक्ति मय हो जाता है।
जग्गनाथ रथ यात्रा में शामिल हुए देशी-विदेशी भी इस कार्यक्रम में बढ चढ़ कर भाग लेते है और ऐसे आयोजनों को आध्यात्मिक ऊर्जा का माध्यम मानते है, श्रद्धालुओं में जग्गंनाथ यात्रा के प्रति काफी उत्साह और श्रद्धा देखी जा सकती है, सिर्फ देशी ही नहीं पार से आये विदेशी श्रद्धालु भी इस यात्रा से जुड़ते दिखे।
पिछले 22 सालो से ऋषीकेश के मधुबन आश्रम से रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है जिस में देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में भक्त पहुचते है और पूरे नगरवासी यात्रा का स्वागत करते है और कृष्ण लीलाओं कि भक्ति में खो जाते है।
वहीँ मधुबन आश्रम के स्वामी परमानन्द जी का कहना है कि, “पिछले 22 सालों से ऋषिकेश में जग्गन्नाथ रथ यात्रा निकली जा रही है, ये यात्रा हर साल बड़ी धूम धाम से शहर वासियों के लिए निकली जाती है। ऋषीकेश में हर साल होने वाली जगरनाथ रथ यात्रा देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए भी आध्यात्मिक उर्जा का स्रोत होती है, और पूरा नगर मिनी जगन्नाथ पूरी की तरह लगने लगता है।”