गोपेश्वर, चमोली जिले में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। जिले के सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। मेले की रौनक छोटे-बडे बाजारों में देखने को मिली। वेदनी बुग्याल में भी केलवा विनायक में ग्रामीणों ने फूलों के बीच चांचणी, झुमेलो लगाकर जन्माष्टमी मनाई तो पाखी के ग्रामीणों ने कृष्ण की झांकी निकाल कर उत्सव को मनाया।
जन्माष्टमी के पर्व पर चमोली जिले के गोपेश्वर, पोखरी, जोशीमठ, देवाल, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, थराली सहित अनेक स्थानों पर मेलों का आयोजन हुआ। स्थानीय मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। जिला मुख्यालय गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लगी रही। इसके अलावा देवाल ब्लाॅक में स्थित वेदनी बुग्याल में वाण, कुलिंग, बलाण, मुंदोली, बांक के सैकड़ों ग्रामीण जन्माष्टमी मनाने वेदनी बुग्याल पहुंचे थे।
इस अवसर पर ग्रामीणों ने कैलवा विनायक में भगवान गणेश की पूजा अर्चना की और वापसी के दौरान वेदनी में मखमली घास के बुग्याल में पारम्परिक परिधान में झुमेलो, चैंफुला, चांचणी लगाया। ग्रामीण अनगिनत फूलों से अभिभूत नजर आये। कुलिंग के भुवन बिष्ट, महिपत सिंह दानू का कहना है कि हम हर साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर वेदनी बुग्याल पहुंचते हैं, लेकिन इस बार वेदनी बुग्याल में खिले अनगिनत फूलों नें वेदनी बुग्याल की सुंदरता पर चार चांद लगा दिए हैं। वाण गांव के हीरा सिंह गढ़वाली, बलवंत सिंह बिष्ट और सुरेन्द्र सिंह बिष्ट ने कहा की इस बार वेदनी बुग्याल में खिले अनगिनत फूलों को देखने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर सैकड़ों ग्रामीण यहां पहुंचे हैं।
इधर, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान बदरीनाथ के प्रवेश द्वार पैनखण्डा के पाखी गरूडगंगा में ग्रामीणों ने श्री कृष्ण भगवान के जन्म के अवसर पर कीर्तन भजनों से समूचा पाखी गरूडगंगा कृष्णभक्तिमय हो उठा। यहां पर ग्रामीणों ने श्रीकृष्ण भगवान के कालिया नाग को वश में कर यमुना नदी में छोड़े जाने की लीला का मंचन किया गया। गरूड भगवान मन्दिर के प्रांगढ में भजन मंडली कुशलानन्द एण्ड पार्टी ने बाल भगवान खेला होली…., भादो का बरसात कन्हैया त्वैन जन्म लीनी कन्हैया…., बांसुरी बजै के आज सबकू नचे दे… के भक्तिगीतों से सबका मनमोहा।