नई दिल्ली। अपनी देनदारी के भुगतान के लिए परेशान जेट एयरवेज ने लीज पर लिए गए छोटे आकार के जहाजों की कंपनियों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। जेट एयरवेज को चिंता सता रही है कि जल्द से जल्द इस लीज का नवीनीकरण करवा लिया जाए।
उल्लेखनीय है कि जेट एयरवेज ने 78 एयरक्राफ्ट लीज पर ले रखा है। छोटे आकार के जहाज को प्रति माह 1,50,000 डॉलर से लेकर 2,00,000 डॉलर के हिसाब से लीज पर दिया जाता है।
इस बीच जेट एयरवेज के प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी लीज पर जहाज देने वाली कंपनियों के लगातार संपर्क हैं और वह कंपनी के कर्ज को लेकर उन्हें जानकारी भी दे रही है। साथ ही कंपनी के साझेदार भी इन चीजों का ध्यान रख रहे हैं।
जेट एयरवेज के डिप्टी सीईओ सह सीएफओ अमित अग्रवाल ने भी कहा है कि कंपनी अपने बड़े आकार के छह जहाजों बोइंग-777 को या तो लीज पर देना चाहती या बेचना चाहती है। इससे कंपनी को 1,800 करोड़ रुपये की आय होने की उम्मीद है। जानकारी के मुताबिक कंपनी पर पिछले 30 सितम्बर तक 8,411 करोड़ का कर्ज चढ़ा हुआ।
पिछले 18 नवम्बर को कंपनी को मुंबई से 10 उड़ानों को रद्द करना पड़ा था, क्योंकि पायलटों ने काम करने से मना कर दिया था। उल्लेखनीय है कि कंपनी के पायलटों के वेतन का भुगतान पिछले दो महीने से संभव नहीं हो पाया है। साथ ही कंपनी ने केंद्र सरकार से भी आग्रह किया है कि वह एयरपोर्ट अथॉरिटी अॉफ इंडिया के बकाया भुगतान के लिए भी मोहलत दे, क्योंकि कंपनी की माली हालत ठीक नहीं हैं। फिलहाल सिविल एविएशन सेक्रेटरी आरएन चौबे ने सोमवार को कहा था कि सरकार ने मामले में हस्तक्षेप नहीं करने का फैसला किया है।