दून के ऐतिहासिक झंडे जी का आरोहण 30 मार्च को होगा

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झण्डा
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दून के ऐतिहासिक झंडेजी का आरोहण 30 मार्च को होगा। इस साल होशियारपुर पंजाब निवासी हरभजन सिंह को दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। मेले पर आयोजित होने वाले विशेष आयोजनों और कार्यक्रमों की तिथियों के अनुसार सफल आयोजन के लिए रोडमैप पर चर्चा हुई। इस दौरान देशभर से भक्त मेले में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं।

मंगलवार को दरबार साहिब में झण्डा मेला आयोजन समिति की बैठक हुई। ऐतिहासिक झंडे मेले के आयोजन की तैयारियों को लेकर मेला आयोजन समिति ने महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर मंथन किया। दरबार साहिब के सज्जादानशीन महंत देवेन्द्र दास महाराज ने मेला आयोजन समिति के सदस्यों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए। इस साल होशियारपुर पंजाब निवासी हरभजन सिंह को दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। ट्रैफिक व्यवस्था, संगतों के ठहरने व अन्य व्यवस्थाओं के लिए मास्टर प्लान तैया हुआ।

झंडा मेला आयोजन समिति की ओर से मेला आयोजन के कार्यक्रमों का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। 18 मार्च सोमवार को दरबार साहिब के प्रतिनिधि के रूप में सुबोध उनियाल पंजाब की पैदल संगत के लिए हुकमनामा लेकर रवाना हो चुके हैं। 20 मार्च को अराईयांवाला में झंडे का आरोहण होगा। 21 मार्च को गुरु राम राय इंटर काॅलेज सहसपुर में पैदल संगत का स्वागत सत्कार होगा। 22 मार्च को पैदल संगत का कांवली गांव में प्रवेश एवम् आदर सत्कार होगा। 22 मार्च की शाम को महंत देवेन्द्र दास महाराज की अगुवाई में दर्शनी गेट पर पैदल संगतों का स्वागत किया जाएगा।

27 मार्च से गिलाफ सिलाई का कार्य शुरू होगा और 29 मार्च को परंपरानुसार पूर्वी संगत की विदाई व 30 मार्च को दून के ऐतिहासिक झंडेजी का आरोहण होगा। 30 मार्च शनिवार को सुबह 8 बजे से 9 बजे के बीच झंडे को उतारने की प्रक्रिया शुरू होगी। सेवकों व संगतों द्वारा झंडे जी को दूध, दही, घी, गंगाजल एवम् पंचगब्यों से स्नान करवाया जाएगा। सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक मंहत देवेन्द्र दास महाराज द्वारा संगतों को दर्शन दिए जाएंगे व गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। शाम 3 बजे से 4 बजे के बीच झंडे का आरोहण किया जाएगा। महंत देवेन्द्र दास महाराज संगतों को 31 मार्च को दर्शन देंगे। एक अप्रैल सोमवार को एतिहासिक नगर परिक्रमा होगी।

झण्डे मेले का यह है एतिहासिक महत्व-

सिखों के सातवें गुरु श्री गुरु हर राय के बड़े पुत्र गुरु राम राय महाराज का जन्म सन् 1646 ई. में जिला होशियारपुर के कीरतपुर, पंजाब में हुआ था। गुरु राम राय महाराज ने देहरादून को अपनी तपस्थली चुना व दरबार साहिब में लोक कल्याण के लिए विशाल झण्डा लगाकर श्रद्धालुओं को ध्वज से आशीर्वाद लेने का संदेश दिया था। होली के पाॅचवें दिन चैत्रवदी पंचमी को गुरु राम राय महाराज के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है व हर साल झण्डे मेला का आयोजन किया जाता है।

उल्लेखनीय है कि गुरु राम राय महाराज के जन्मदिवस के अवसर पर हर साल दरबार साहिब, देहरादून में झण्डे मेले का आयोजन किया जाता है।

बैठक की जानकारी देते हुए झंडा मेला आयोजन समिति के व्यवस्थापक विजय प्रसाद डिमरी ने जानकारी दी कि इस वर्ष लाखों की संख्या में देश विदेश से संगतों के पहुंचने की सम्भावना है। मेले के दौरान होने वाली प्रमुख गतिविधियों व उनके संचालन को लेकर आवश्यक तैयारियों को पूरा कर लिया गया है। मेले के सफल संचालन हेतु 50 समितियों का गठन किया गया है। मेला समिति के पदाधिकारियों को पुलिस प्रशासन का भरपूर सहयोग करने व मेले में आने वाले श्रद्धालुओं-संगतों की सुरक्षा एवम् सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

देश विदेश से आने वाली संगतों के लिए एसजीआरआर पब्लिक स्कूल रेसकोर्स, बिंदाल, राजा रोड, ताबाल व बाॅबे बाग स्कूल की शाखाओं में आवश्यक व्यववस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। शहर की प्रमुख धर्मशालाओं व होटलों के संचालकों से सम्पर्क कर मेला आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं एवम् संगताें के ठहरने हेतु आवश्यक व्यवस्था बनाई है।

इस वर्ष मेला आयोजन के दौरान आठ बड़े लंगर और 4 छोटे लंगरों की भी विशेष व्यवस्था की गई है। बैठक के दौरान ट्रेफिक व्यवस्था, संगतों के वाहनों की पार्किंग, सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था, मेला आयोजन स्थल पर पुलिस थाने का संचालन, मेला अस्पताल का संचालन, एम्बुलेंस व्यवस्था, दरबार साहिब में प्रवेश व निकास के लिए आवश्यक वन-वे व्यवस्था जैसे महत्वपूर्णं बिन्दुओं पर चर्चा हुई।