प्लास्टिक फ्री एडवेंचर को बढ़ावा देता विजय का ग्रुप एडवेंट थ्रील

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जहां एक तरफ उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म को हाईकोर्ट ने बैन कर दिया है वहीं कुछ युवा ऐसे हैं जो नेचुरल एडवेंचर को बढ़ावा दे रहे हैं।

विजय प्रताप सिंह एक ऐसे ही युवा है, जिन्होंने अपनी मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ एडवेंचर के लिए कदम बढ़ाए।जी हां 25 साल के विजय प्रताप सिंह देहरादून के रहने वाले हैं और आज से एक साल पहले से उन्होंने एडवेंट थ्रील के नाम से अपना एक ग्रुप शुरु किया था।आज विजय लगभग 30-35 ग्रुप को लेकर उत्तराखंड राज्य के अलग-अलग जगहों पर ट्रेकिंग, कैंपिंग और दूसरे एडवेंचर कर चुके हैं। चोपता,औली,कुराई-पास ट्रेक, केदार कंठ, जिम कार्बेट और अलग-अलग जगहों पर विजय अपने ग्रुप लेकर जा चुके हैं। इतना ही नहीं, दून शहर के ईंसी रोड पर ‘एडवेंट थ्रील’ नाम का कैफे भी विजय ने खासकर एडवेंचर प्रेमियों के लिए शुरु किया है। ट्रेवलर होने के साथ-साथ विजय एक बेहतरीन फोटोग्राफर भी है, विजय सितंबर 2017 में मसाई मारा फोटोशूट का हिस्सा भी थे जिसे डिस्कवरी चैनल ने कवर किया था, आज उनकी खिंची हुई तस्वीरें आपको कैफे एडवेंट थ्रील में देखने को मिलेंगी।

इसके बारे में और बात करते हुए विजय ने बताया कि, “यूं तो शहर में कैफे और रेस्टोरेंट की कोई कमी नहीं है लेकिन एडवेंचर को डेडिकेटेड यह शायद पहला कैफे होगा।इस कैफे की खास बात है कि यहां हमारी तरह एडवेंचर प्रेमियों के लिए खास एडवेंचर से संबंधित मेनु उपलब्ध है। कैफे का इंटिरियर भी कुछ ऐसा ही है, अलग-अलग एडवेंचर की फोटो से सजा यह कैफे उन लोगों के लिए बेहतरीन स्पॉट है जिन्हें एडवेंचर में रुचि है।

अपने एडवेंचर ग्रुप के बारे में बात करते हुए विजय बताते हैं कि, “हम हर तरह के एडवेंचर जैसे कि ट्रेकिंग,रॉकक्लाइमबिंग,माउंटेयरिंग,साइकलिंग और एक्सपेडिशन आयोजित करते हैं और इन सबमें एक बात का खास ख्याल रखते हैं कि यह प्लास्टिक फ्री होना चाहिए।” यानि की स्टे से लेकर पूरा ट्रीप बिना प्लास्टिक के इस्तेमाल से पूरा होता है।

ऊंची पहाड़ियों पर जाकर वहां कचड़ा फैलाने वालों के लिए विजय का यह ग्रुप एक मिसाल है। एडवेंट थ्रील होमस्टे में अपने मेहमानों को ठहराते हैं जिससे गांववालों को आमदनी मिल सके और बड़े शहरों से आए लोगों को राज्य की परंपरा को समझने का मौका मिल सकें।एडवेंट थ्रील 6 लोगों का ग्रुप है, जिसमे एक खाना बनाने वाला भी है जो उनके साथ कैंप में लोगों को घर जैसा स्वादिष्ट खाना उपलब्ध कराता है।

जिम कॉर्बेट में फोटोग्राफी के गुण भी अपने ट्रेवलर्स को विजय सिखाते हैं।प्रकृति के बीच में रहकर एडवेंचर और रोज़गार को बढ़ावा देने वाले विजय ना जाने कितने ऊंची चोटियों पर चढ़ चुके है और आगे भी चढ़ते रहेंगे लेकिन इनके इस ग्रुप की खास बात है कि वह अपनी हर यात्रा में कोशिश करते हैं कि प्लास्टिक का इस्तेमाल ना किया जाए जिससे पर्यावरण सुरक्षित रह सके।

विजय द्वारा शुरु किए गए कैफे की खास बात भी यह है कि यहां जाकर आपको खुद किसी यात्रा पर जाने का मन होगा,दिवार पर टंगी जीवित तस्वीरें आपसे कहेंगी कि, “आओ कुछ दिन बिताओं हमारे पहाड़ में।”