जोशीमठ भू-धंसाव से आई आपदा में शनिवार को पानी का डिस्चार्ज बढ़कर 240 एलपीएम पहुंच गया है। अभी तक 782 भवनों में दरारें आई हैं और असुरक्षित क्षेत्रों से 223 परिवार को विस्थापित किया जा चुका है। आपदा विभाग का कहना है कि बारिश और बर्फबारी के चलते बढ़ोतरी हुई है। इसके अन्य कारणों के लिए संस्थानों से बातचीत की जाएगी।
शनिवार को सचिव आपदा प्रबन्धन डा.रंजीत कुमार सिन्हा ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि जोशीमठ की जेपी कॉलोनी में पानी का डिस्चार्ज शुक्रवार को 190 एलपीएम था जो अचानक बढ़कर 240 एलपीएम हो गया है। इसके लिए संस्थानों से बात कर कारण को जाना जाएगा। यह पानी बारिश और बर्फबारी से भी बढ़ा होगा।
डा. सिन्हा ने बताया कि विस्थापित परिवारों के लिए मॉडल टेंपररी शेल्टर बनाए जा रहे हैं। ऐसी जमीन जो सुरक्षित हैं ये शेल्टर बनाए जाएंगे। सीआरबीआई की ओर से अप्रूव्ड कंपनी घर बनाएगी जो 400 रुपये/स्क्वायर फीट के हिसाब से होगा। उन्होंने बताया कि कितना मुआवज़ा दिया जाएगा। इसके लिए सर्वे चल रहा है, उसके हिसाब से ही तय होगा। आपदा प्रबंधन की टीम जोशीमठ का रविवार को दौरा करेगी। इसमें आपदा अपर सचिव, जियोलॉजिस्ट और केंद्रीय अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
उन्होंने बताया कि ड्रेनेज प्लान के लिए इरिगेशन डिपार्टमेंट से बात की जाएगी। एनजीआरआई ने जोशीमठ में जियो फिजिकल सर्वे शुरू किया है। भारत सरकार के स्तर पर सीबीआरआई की ओर से विस्थापितों की स्वयं की सुरक्षित भूमि पर प्री फैब हट में सहायता दी जा रही है। प्रशासन की ओर से शीतलहर को देखते हुए नगर पालिका जोशीमठ में 10 स्थानों पर अलाव जलाये गये हैं। राहत शिविरों में हीटर की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रति परिवार विस्थापन के लिए अग्रिम के रूप 125 परिवारों को 1 करोड़ करोड़ 87 लाख 50 हजार रुपये की धनराशि वितरित की गई है। प्रति परिवार 5000 रुपये की दर से घरेलू राहत सामग्री के लिए अभी तक कुल 73 (कुल 3.65 लाख रुपये ) प्रभावितों को वितरित की गई है। तीक्ष्ण/पूर्ण क्षतिग्रस्त भवन के लिए 10 प्रभावितों को 13 लाख की राशि वितरित की गई है। मकान किराये के लिए 10 लोगों ने आवेदन किया है।
राहत शिविरों की क्षमता में वृद्धि करते हुए अस्थायी रूप से जोशीमठ में कुल 615 कमरे हैं जिनकी क्षमता 2190 लोगों की है। पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है।
उन्होंने बताया कि अभी तक 782 भवनों में दरारें आई हैं। गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र/ वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 148 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं। 223 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 754 है।