कैलाश का किसानों पर कहर 

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बरसात से कैलाश नदी में आई बाढ़ ने रसोईयापुर गांव में तबाही मचा रखी है। अब तक पांच किसानों की करीब साढ़े पांच एकड़ कृषि भूमि कटकर नदी में समा चुकी है। इसके अलावा नौ किसानों की लगभग 32 एकड़ धान की फसल में नदी की सिल्ट भर गई है, जिससे फसल खराब होने के कगार पर है। ग्रामीणों ने प्रशासन से नदी में कटकर समाई भूमि का मुआवजा देने की मांग की है।
वर्षाकाल के दिनों में कैलाश नदी ने विकराल रूप धारण कर रखा है। चीकाघाट के पास रसोइयापुर गांव में नदी के कटाव करने से नदी गांव के समीप पहुंच गई है।
बीडीसी सूरज नारायण ने ग्रामीणों के साथ नदी का हाल जाना व बताया कि, ‘नदी ने गांव की ओर रुख कर लिया है, जिससे गांव को बाढ़ का खतरा बना हुआ है। नदी द्वारा जमकर भूमि कटाव किया जा रहा है। गांव के वकील अहमद के चार बीघा गन्ने की फसल पूरी तरह नदी में समा गई है। इसके अलावा इरशाद अहमद का एक एकड़ धान, अर्जुन सिंह के तीन बीघा धान, सतनाम सिंह का एक एकड़ धान, बबलू सिंह के ढाई एकड़ धान की फसल नदी लील गई।   किसान जहीर अहमद के 15 एकड़ धान, सतनाम सिंह के चार एकड़, हरबंश सिंह के तीन एकड, प्रकाश सिंह के तीन एकड़, बलजिंदर सिंह के तीन एकड़, जीत सिंह का एक एकड़, फईम के दो एकड़ व परमजीत सिंह एवं चरनजीत सिंह के एक-एक एकड़ धान की फसल में सिल्ट जमा है। जिससे धान की फसलें खराब होने के कगार पर हैं।’
ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी विनोद कुमार से नदी से हो रहे नुकसान का मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि गांव को बाढ़ से बचाने के लिए कटाव रोकने के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।