फिल्म केदारनाथ को लेकर मचे बवाल के बीच रिव्यू टीम ने जिला अधिकारियों को फिल्म के रिलीज की जिम्मेदारी सौंप दी है। रिव्यू टीम ने यह आदेश दिए हैं कि लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को देखते हुए डीएम जिले में केदारनाथ फिल्म को रिलीज़ करवाएं। इसके बाद पौड़ी, उधम सिंह नगर, नैनीताल और देहरादून जिले में फिल्म के प्रदर्शन पर डीएम ने रोक लगा दी है।
जिलाधिकारियों ने लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को देखते हुए अपने जिले में तमाम मल्टीप्लेक्स और सिनेमाघरों में केदारनाथ की फिल्म को बैन कर दिया है। जिसके चलते साफ है कि हरिद्वार, हल्द्वानी, उधम सिंह नगर और देहरादून के लोग केदारनाथ फिल्म को बड़े पर्दे पर नहीं देख पाएंगे।
ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत करते हुए हरिद्वार के जिलाधिकारी दीपक रावत ने लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को देखते हुए हरिद्वार में तमाम मल्टीप्लेक्स और सिनेमाघरों में केदारनाथ की फिल्म को बैन कर दिया है। जिला अधिकारी का कहना है कि पहले ही हिंदू संगठन और साधु संत इस फिल्म पर नाराजगी जता चुके हैं , लिहाजा ऐसे में इस फिल्म को हरिद्वार में रिलीज करवाना सही नहीं होगा।
गढ़वाल के स्वामी दर्शन भारती की ओर से दायर याचिका पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन की एकलपीठ पर सुनवाई हुई। जिसमें हाईकोर्ट ने अभिनेता सुशांत राजपूत व सारा अली खान की फिल्म केदारनाथ पर रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। साथ ही याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फिल्म के खिलाफ डीएम रुद्रप्रयाग को प्रत्यावेदन देने को कहा है। कोर्ट के फैसले से हिंदू संगठनों व तीर्थ पुरोहितों की कोशिशों को झटका लगा है।
याचिका में कहा गया था कि यह फिल्म लव जिहाद को बढ़ावा देती है। फिल्म की पटकथा में केदारनाथ त्रासदी के साथ हिंदू आस्था व मान्यता पर चोट की गई है। बता दें कि फिल्म को लेकर हिंदू संगठनों व तीर्थ पुरोहितों की आपत्ति को देखते हुए राज्य सरकार ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज जी के नेतृत्व में कमेटी बनाई गई थी। जिसमें गृह सचिव नितेश कुमार झा, सचिव पर्यटन व सूचना दिलीप जावलकर, डीजीपी अनिल रतूड़ी सदस्य हैं ।समिति केदारनाथ फिल्म को लेकर की जा रही आपत्तियों का परीक्षण कर रिपोर्ट देगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार द्वारा फिल्म के प्रदर्शन के संबंध में समुचित निर्णय लिया जाएगा।