केदारनाथ विधायक ने संशोधन बिल पर सरकार को घेरा

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Rudraprayag
 क्षेत्र पंचायत मन्दाकिनी की अन्तिम बैठक में शनिवार को एक बार लगा कि यह विधानसभा का सदन है। जब रुदप्रयाग विधायक भरत चौधरी एवं केदारनाथ विधायक मनोज रावत के बीच नए पंचायती राज एक्ट पर गरमागरम बहस होने लगी। आरोप-प्रत्यारोप के बीच एक ओर केदारनाथ विधायक पंचायती राज अधिनियम में हुए संशोधन बिल पर सरकार को घेरते दिखे, जबकि रुद्रप्रयाग विधायक सरकार का बचाव करते रहे।
ब्लॉक सभागर में जैसे ही ब्लॉक प्रमुख जगमोहन रौथाण ने कार्रवाई शुरू करने की घोषणा की, वैसे ही क्षेत्र पंचायत सदस्य योगम्बर नेगी ने विधानसभा में पारित पंचायती राज अधिनियम में पंचायत चुनाव में उम्मीदवार के दो बच्चों से अधिक होने पर अयोग्य होने के फैसले का विरोध किया। इसके बाद सदन में एक के बाद एक सदस्य इसका समर्थन करने लगे और बहुमत से इस प्रस्ताव को पारित किया गया।
इसी दौरान रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी ने इस पर सरकार का पक्ष रखना चाहा लेकिन मौका पाते ही केदारनाथ विधायक ने कहा कि सरकार ने आनन फानन में सत्र के अंतिम दिन इस विधेयक को हंमामे के बीच पारित किया जबकि इसमें दर्जनों गलतियां हैं। इसके बाद दोनों विधायकों में बहस बढ़ गई। विधायक भरत चौधरी ने कहा कि यदि जनता न चाहे तो दुनिया की कोई भी सरकार किसी भी नियम को लागू नहीं कर सकती है।
विधानसभा में जब विधेयक लाया गया, उस समय सदन में काग्रेस के भी 11 विधायक उपस्थित थे लेकिन किसी ने भी प्रश्न नहीं किया। उन्होंने कहा कि वे स्वयं नहीं चाहते हैं कि केवल त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में इसे लागू किया जाए, बल्कि यदि यहां लागू है तो इसे लोक सभा और विधानसभा में भी लागू किए जाने की मांग की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कई बार जो फैसले हमें गलत लगते हैं, उनके परिणाम दूरगामी होते हैं।
विधायक मनोज रावत ने कहा कि लोकत्रंत के सबसे छोटे और महत्वपूर्ण सदन से निकले इस प्रस्ताव पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने हाल ही में लागू स्थानान्तरण नीति एवं पंचायत राज पर सरकार द्वारा जल्द ही अध्यादेश लाने की बात पर भी सरकार को घेरा। उसके बाद ब्लॉक प्रमुख द्वारा सभी से केवल क्षेत्र की समस्याओं पर अपनी बात रखने के आग्रह के बाद ही सदन की कार्रवाई आगे चल पाई।