प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार सुबह पांचवीं बार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गोवर्धन पूजा के दिन केदारनाथ पहुंचे। प्रधानमंत्री ने यहां बाबा केदार के गर्भगृह में पूजा-अर्चना कर विश्व कल्याण, शांति के साथ ही देश की खुशहाली और अमन चैन की कामना की। केदारनाथ के पुजारी बागेश लिंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूजा संपन्न करवाई। प्रधानमंत्री ने यहां आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण के साथ ही विकास की कई योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया।
शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। यहां से सीधे वायुसेना के विमान से केदारनाथ पहुंचे। हेलीपैड पर पहुंचने के बाद वे पैदल ही मंदिर के लिए निकल पड़े। हेलीपैड पर ऑल टेरिन वाइकल भी रखा गया था, लेकिन वह पैदल ही पहुंचे। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमित सिंह (सेवानिवृत्त) भी मौजूद रहे। बर्फ से ढकी सफेद पहाड़ियों के बीच केदारनाथ धाम का सौंदर्य देखते ही बन रहा था।
प्रधानमंत्री ने सबसे पहले एक वीडियो के जरिए मंदिर में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। फिर भगवान केदारनाथ की पूजा करने के लिए मंदिर परिसर में पहुंचे। मंदिर में प्रवेश करने से पहले पुरोहितों ने उनके माथे पर तिलक लगाया और उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने बाबा केदारनाथ की पूजा-अर्चना के साथ महारुद्राभिषेक किया। केदारनाथ के पुजारी बागेश लिंग ने प्रधानमंत्री मोदी की पूजा संपन्न करवाई। अब तक के प्रधानमंत्री के पांचों दौरों में पुजारी बागेश लिंग ने तीन बार पूजा करवाई है। गर्भगृह में आठ बजकर 42 मिनट पर पूजा शुरू हुई, जो नौ बजे तक चली। प्रधानमंत्री की पूजा करीब 18 मिनट तक की चली।
प्रधानमंत्री ने बाघंबरी वस्त्र को बाबा केदारनाथ को चढ़ाया। पूजा खत्म होने के बाद पुरोहित ने आशीर्वाद स्वरूप इस वस्त्र को उन्हें लौटा दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने स्वयंभू शिवलिंग की परिक्रमा कर विश्व कल्याण की कामना की। प्रधानमंत्री ने बाबा नंदी के पैर छुए और उनकी परिक्रमा की।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने आदि गुरु शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची और 35 टन वजन वाली प्रतिमा का अनावरण किया। इस प्रतिमा को कर्नाटक के मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। उनकी पांच पीढ़ियां मूर्ति बनाने के कार्य में जुटी हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने मूर्ति के सामने मंत्रोच्चार के साथ उपासना की। इस मूर्ति को ब्लैक स्टोन यानी कृष्णशिला से बनाया गया है। इस प्रतिमा पर आंधी-तूफान का असर नहीं पड़ता है। प्रतिमा को एक ही चट्टान से बनाया गया है।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने लगभग 400 करोड़ रुपये से अधिक की पुनर्निर्माण परियोजनाएं, मंदाकिनी आस्थापथ, संगम घाट, फर्स्ट एड पर्यटन केंद्र, अस्पताल और पुलिस थाने, कमांड व कंट्रोल सेंटर, रेन शेल्टर, प्रशासनिक कार्यालय और सरस्वती नागरिक सुविधा भवन जैसे 180 करोड़ रुपये के कई निर्माण कार्यों शिलान्यास किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी के देखने और सुनने के उत्सुक तीर्थयात्री पहले से ही सभा स्थल पर बड़ी संख्या में मौजद रहे।
प्रधानमंत्री के रूप में पांचवीं यात्रा
प्रधानमंत्री के तौर पर नरेन्द्र मोदी की केदारनाथ की यह पांचवीं यात्रा है। प्रधानमंत्री के रूप में वे सबसे पहले तीन मई, 2017 को केदारनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे थे। इसके बाद वे 20 अक्टूबर 2017, सात नवंबर 2018, 18 मई 2019 को धाम में आकर पुनर्निर्माण कार्यों का जायज ले चुके हैं। प्रधानमंत्री ने 18 मई 2019 को लोकसभा चुनाव नतीजों से पहले केदारनाथ की एक गुफा में ध्यान किया था। उनके बाद उस गुफा में ध्यान करने वालों की संख्या बढ़ गई थी। आज प्रधानमंत्री की केदारनाथ की पांचवीं यात्रा है।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
प्रधानमंत्री मोदी के केदारनाथ दौरे को लेकर देहरादून एयरपोर्ट से लेकर केदारपुरी में सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए थे। एक हजार के करीब पुलिस बल को तैनात किया गया था। केदारनाथ धाम में चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान खड़े रहे, जो हर स्थिति पर नजर बनाए हुए थे।