प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों पर अगले 10 दिनों के लिए रोक लगा दी गई है। डीएम ने धाम में हो रही भारी बर्फबारी को देखते हुए यह कदम उठाया है। इसके साथ ही पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे 35 लोग वापस गौरीकुंड लौट आए। इनमें 28 मजदूर भी शामिल हैं। हालांकि, केदारनाथ में जैसे हालात हैं, उनसे लगता नहीं कि अगले 10 बाद भी पुनर्निर्माण कार्य शुरू हो पाएंगे। उधर, मौसम खराब होने के कारण अभी 35 मजदूर केदारनाथ में ही वापस लौटने का इंतजार कर रहे हैं।
केदारनाथ में पिछले एक सप्ताह से लगातार हो रही भारी बर्फबारी के चलते स्थितियां काफी विकट हो गई हैं। वहां बर्फ की तकरीबन आठ फीट मोटी चादर बिछ चुकी है और पुनर्निर्माण कार्य ठप पड़े हुए हैं। बर्फबारी के कारण वुड स्टोन के 28, जीएमवीएन (गढ़वाल मंडल विकास निगम) व ऊर्जा निगम के दो-दो और पुलिस महकमे के तीन कर्मी रविवार को गौरीकुंड लौट आए।
अब धाम में 35 मजदूर व कर्मचारी ही मौजूद हैं। भारी हिमपात से जीएमवीएन के चार हट भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। जबकि, ऊर्जा निगम के तीन विद्युत पोल और दो ट्रांसफार्मर बर्फ में दब गए हैं। इसके अलावा लिनचौली से नीचे विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त होने से केदारपुरी में अंधेरा पसरा हुआ है।
विदित हो कि केदारपुरी में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत कई महत्वपूर्ण कार्य हो रहे हैं। इनमें शंकराचार्य की समाधि, तीर्थपुरोहितों के भवन, आस्था पथ का निर्माण समेत अन्य कार्य शामिल हैं, लेकिन बर्फ काफी अधिक जम जाने के कारण फिलहाल इन कार्यों का होना संभव नहीं लग रहा, जबकि यात्रा शुरू होने से पूर्व इन्हें पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारपुरी में आने वाले दिनों में भी बर्फबारी के आसार बरकरार हैं। ऐसे में लगता नहीं कि जल्द पुनर्निर्माण कार्य शुरू पाएंगे। हालांकि, फिलहाल दस दिन के लिए ही कार्य रोके गए हैं।