गोपेश्वर, पंचकेदारों में प्रथम केदार श्री केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार को विधि विधान व पूजा अर्चना के साथ प्रातः 8.30 बजे शीतकाल के लिए बंद हो गए। कपाट बंद होने के अवसर सैकड़ों की संख्या में यहां पहुंचे श्रद्धालुओं ने भगवान केदार के जयकारों से केदारपुरी को भक्तिमय बना दिया।
कपाट बंद होने के अवसर पर जम्मू-कश्मीर लाईट इंफैंट्री बैंड की धुनों से केदारनाथ नगरी गुंजायमान रही। जय बाबा केदारनाथ के उद्घोष के साथ केदारनाथ की पंचमुखी डोली ने प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान किया। डोली प्रभारी युदुवीर पुष्पवान की अगुवाई में भगवान केदारनाथ पंचमुखी विग्रह मूर्ति विभिन्न पड़ावों से होकर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ पहुंचेगी। मंगलवार को पंचमुखी डोली प्रथम पड़ाव रामपुर पहुंचेगी। 30 अक्टूबर को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, 31 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी।
इस अवसर पर मुख्य पुजारी केदार लिंग सहित मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, पुलिस अधीक्षक अजय सिंह, एसडीएम वरूण अग्रवाल, एसडीएम सुधीर कुमार, सीओ दीपक सिंह, जम्मू-कश्मीर लाईट इन्फैंट्री के टूएसी कैप्टन कारज सिंह संधू, चौकी प्रभारी मंजुल रावत आदि मौजूद थे।
विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ और यमुनोत्री मंदिर के कपाट परंपरा के अनुसार भैयादूज के मौके पर मंगलवार को शुभ मुहूर्त में शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। अब आने वाले छह महीनों तक पंचकेदारों की गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में भक्त भोले बाबा के दर्शन कर सकेंगे जबकि यमुना जी का दर्शन श्रद्धालु खरसाली गांव में कर सकेंगे।
मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया बाबा केदार की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए रवाना होकर प्रथम पड़ाव रामपुर पहुंचेगी। 30 अक्टूबर को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, 31 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। इस मौके पर मंदिर समिति के मुख्य पुजारी केदार लिंग, मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, कार्याधिकारी एमपी जमलोकी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी आरएम नौटियाल भी मौजूद रहे।
दोपहर 12.25 बजे शुभ मुहूर्त में यमुनोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिया गया। यमुना जी की उत्सव मूर्ति डोली यात्रा के साथ खरसाली के लिए रवाना हो गई है। यहां विधि विधान एवं अनुष्ठान के साथ यमुना जी की मूर्ति को यमुना मंदिर में स्थापित किया जाएग। इस अवसर पर यमुना मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया था। मंदिर समिति के सदस्य विनोद प्रसाद उनियाल ने बताया कि खरसाली में महिलाओं ने मां यमुना के स्वागत की विशेष तैयारियां की है। अब अगले छह माह तक मां यमुना के दर्शन श्रद्धालु उनके शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव में कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद हुए थे। मंगलवार को केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद हुए। वहीं बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को को बंद होंगे। इसके साथ ही चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा।