रुद्रपुर, में सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता मुकेश कुमार ने जिले के जिलापूर्ति अधिकारी पर केरोसीन घोटाले का आरोप लगाया है। इस मामले में उन्होंने जिलाधिकारी से मुलाकात करके मिट्टी के तेल के घोटालेबाजों के खिलाफ जांच की मांग उठाई है। हैरत की बात है कि चार साल से मिट्टी के तेल का कोटा माफिया पी रहे हैं और शिकायत के बाद भी जिला प्रशासन के अफसर जांच को तैयार नहीं हैं। यही नही मुकेश की आवाज को दबाने के उद्देश्य से उसका डिपो निरस्त कर दिया गया। उसने मुख्यमंत्री से जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है।
गरीबो को बटने वाला केरोसीन को उधमसिंहनगर में अधिकारियों की मिली भगत से किस तरह से ठिकाने लगाया जा रहा है। इस बात का खुलासा आरटीआई में हुआ है, सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना जब खेडा निवासी राशन विक्रेता मुकेश को मिली तो उसकी आँखें खुली की खुली रह गयी। शासन स्तर से मिट्टी का तेल उधमसिंहनगर को आवंटित किया जा रहा है, जिसके बाद मुकेश द्वारा जिला पूर्ति अधिकारी से बरसातों के समय मिट्टी के तेल देने को कहा गया, लेकिन जिलापूर्ति अधिकारी द्वारा केरोसीन के तेल के लिए साफ साफ मना कर दिया गया। जिसके बाद मुकेश द्वारा जिले के तमाम अधिकारियों को घोटाले की बात लिखित रूप में बताई, लेकिन अधिकारियों ने तेल में हुए घोटाले की जांच तो नही की बल्कि उल्टा मुकेश की राशन की दुकान निरस्त कर दी।
पीड़ित ने मुख्यमंत्री समाधान पोर्टल के साथ डीएम के समक्ष न्याय की गुहार लगाई है, राशन विक्रेता मुकेश कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि, “रुद्रपुर में चार साल से मिट्टी का तेल वितरण नही किया गया है। जिसके खिलाफ वह छह महीने से आवाज उठा रहे हैं। और उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।” मुकेश का आरोप है कि चार सालों में लगभग 14 करोड़ का तेल की कालाबाजारी की गई है। अगर उन्हें न्याय नही मिलता है तो मामले को लेकर कोर्ट भी जाएंगे।
वही जिलाधिकारी नीरज खैरवाल ने बताया कि, “घोटाले की शिकायत आयी है मामले की जांच की जाएगी। अगर मामले में सत्यता पाई जाती है तो दोषियों के खिलाफ कार्यवाही अवश्य की जायेगी।”