चमोली जिले में कीवी उत्पादक काश्तकारों को बाजार उपलब्ध न होने के कारण औने पौने दामों पर कीवी जैसे औषधीय फल को बेचने को मजबूर हैं। काश्तकार 40 से 60 रुपये प्रति फल दाम के कीवी को 100 रुपये किग्रा के दाम पर बेच रहे हैं। मामले में उद्यान विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सीमित मात्रा में उत्पादन होने के चलते जिले में उत्पादित होने वाले कीवी को बड़े बाजारों तक भेजने में अधिक व्यय होने से दिक्कतें आ रही हैं।
जिले के मंडल, दशोली ब्लॉक के बछेर, जोशीमठ, थराली के ग्वालदम में काश्तकार कीवी का उत्पादन कर रहे हैं। कीवी के चमोली में उत्पादन को देख बीते वर्ष उद्यान विभाग की ओर से जिले में 15 सौ पौधों का काश्तकारों को वितरण किया गया। अब इन दिनों पौधे फल देने लगे हैं, लेकिन काश्तकारों को बाजार न मिलने के चलते उनके सम्मुख विपणन की समस्या खड़ी हो गई है। ऐसे में फलों के खराब होने के डर से काश्तकार कीवी जैसे औषधीय फल को औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं। विभागीय आंकलन के अनुसार इस वर्ष जिले में 25 कुंतल कीवी का उत्पादन हुआ है।
कीवी उत्पादन के लिए चमोली जिले ऊंचाई वाले इलाकों की जलवायु बेहतर है। जिले में काश्तकारों को कीवी उत्पादन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अभी सीमित संख्या में उत्पादन होने के चलते बड़े बाजारों तक फल पहुंचाने में अधिक व्यय हो रहा है। ऐसे में फलों के विपणन के लिए खरीदार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। जिले में फल का उत्पादन बढ़ने पर विपणन की परेशानी खत्म हो जाएगी।
-तेजपाल सिंह, जिला उद्यान अधिकारी, चमोली।