महानदी गंगा की सहायक कोसी के पुनर्जन्म के कार्य तेज

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रानीखेत। महानदी गंगा की सहायक कोसी नदी के पुनर्जन्म के लिए आखिरकार भगीरथ प्रयास तेज हो गए हैं। पिछले ढाई दशक से शोध में जुटे भौगोलिक सूचना विज्ञान केंद्र के निदेशक प्रो. जीवन सिंह रावत की अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर चिह्नित सभी 14 रिचार्ज जोन के संरक्षण को कदम बढ़ा लिए गए हैं। शुरुआत गैरहिमानी नदी के 46.75 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैले प्रमुख रिचार्ज जोन स्याही देवी से कर दी गई है।

दरअसल कोसी नदी के पुनर्जन्म के लिए स्याही देवी को प्रमुख रिचार्ज जोन माना गया है। वजह यहां से निकलने वाले दिग्गी गधेरा पहला व दूसरा, डासी, लिमिरौ, भैसिरौ, ऐड़िरौ, चिलमिया गधेरा सदानीरा कोसी नदी को जल की भरपूर खुराक देते आए हैं। वर्तमान में इनके खुद का वजूद संकट में है। चूंकि ये गधेरे करीब 1800 मीटर की ऊंचाई से निकलते हैं। प्रो. रावत के अनुसार इन्हें रिचार्ज करने के लिए सभी जैविक और यांत्रिक उपचार 1800 मीटर से अधिक ऊंचाई पर ही करने होंगे। इसी समीकरण को आधार बना प्रशासन ने वन विभाग, खंड विकास कार्यालय, वन पंचायत तथा ग्रामीणों को साथ लेकर नई पहल शुरू की है। स्याही देवी क्षेत्र के बिराड़ी गधेरे से पहले चरण में पौधरोपण का कार्य शुरू कर दिया गया है, जो भविष्य में स्याही देवी के 46.75 वर्ग किमी में गधेरों के स्रोत से ऊंचाई वाले स्थानों पर जारी रहेगा। इस कार्य को वृहद अभियान चलाकर शुरू किया जाएगा।