कुंभ में फर्जी टेस्टिंग की जांच डेढ़ महीने बाद भी नहीं हुई पूरी

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    हरिद्वार कुम्भ
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    कुंभ कोविड टेस्टिंग फर्जीवाड़ा मामले में जांच अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। डेढ़ महीने से भी अधिक का समय बीत जाने के बाद पुलिस की एसआईटी टीम एक आरोपित को ही गिरफ्तार कर पाई है।

    हालांकि, पुलिस लगातार आरोपियों के ठिकाने पर दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है। पिछले 2 दिनों से मैक्स कॉरपोरेट के पार्टनर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उत्तराखंड, यूपी और दिल्ली के कई ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस का कहना है कि एसआईटी की जांच का दायरा काफी बड़ा है। सभी पहलुओं पर विचार करके कार्रवाई की जा रही है। आरोपितों की गिरफ्तारी पर स्टे खत्म होने के बाद पुलिस गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।

    वहीं, दूसरी ओर जिलाधिकारी द्वारा बनाई गई टीम, जिसमें जांच अधिकारी हरिद्वार के सीडीओ सौरभ गंगवार को बनाया था, उस जांच की भी अभी तक रिपोर्ट सबमिट नहीं की गई है। काफी समय से हरिद्वार के पूर्व जिलाधिकारी सी रविशंकर का कहना था की जांच पूरी हो गई है और जल्द ही सबमिट कर दी जाएगी, जिसके बाद सी रविशंकर का ट्रांसफर होने के बाद जांच रिपोर्ट अब तक सबमिट नहीं हुई है। वहीं इस मामले पर जांच अधिकारी सौरभ गंगवार का कहना है कि जांच का दायरा बड़ा होने के कारण उसे सबमिट करने में समय लग रहा है। जल्दी ही जांच जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।

    बता दें कि हरिद्वार कुंभ में श्रद्धालुओं और साधु-संतों की जांच के लिए सरकार ने 11 लैबों को अधिकृत किया था। कुंभ के दौरान कुछ कोरोना जांच रिपोर्ट फर्जी पाई गई थी। इसका खुलासा भी पंजाब के एक व्यक्ति ने किया था। पंजाब के एक व्यक्ति को फोन गया था कि उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जो उन्होंने हरिद्वार में कराई थी। लेकिन हैरानी की बात ये थी कि उक्त व्यक्ति कुंभ के दौरान हरिद्वार ही नहीं आया था और न ही उसने कोई टेस्ट कराया था। ऐसे में उसने मामले की पूरी जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी।