कुंभ सुरक्षा को लेकर सरकार सख्त, गाइडलाइन का शत प्रतिशत करना होगा पालन

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महाकुंभ
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुंभ मेले में सभी लोगों को आने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि साधु संतों और श्रद्धालुओं के स्नान से लेकर हर तरह की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की गई है। सभी को कोविड गाइडलाइन का शत प्रतिशत पालन करना होगा।
गुरुवार को मुख्यमंत्री ने सचिवालय में पत्रकारों को वर्चुअल संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि दिव्य, सुंदर, स्वच्छ और सुरक्षित कुंभ के आयोजन को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह से संकल्पबद्ध है। केन्द्र सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन किया जाएगा। साथ ही इस बात की भी पूरी कोशिश की जा रही है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को गैरजरूरी रोकटोक का सामना न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि साधु संतों और श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। सुरक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह से चाकचौबंद की गई है। बसों की संख्या भी बढ़ाई गई है। राज्य सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं से संत, महात्मा और श्रद्धालु उत्साहित हैं। पिछले स्नान में पहली बार हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की गई।
केन्द्र से कुंभ के लिए मिले 700 करोड़
मुख्यमंत्री ने बताया कि विभिन्न विकास कार्यों के साथ ही केन्द्र सरकार द्वारा कुंभ मेला के लिए 700 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। नमामि गंगे द्वारा सफाई व्यवस्था (शौचालय तथा डस्टबिन) के लिए 58 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई गई। नमामि गंगे द्वारा सुन्दर कुंभ मेले के लिए 01 करोड़ की धनराशि पेन्ट माई सिटी कैम्पेन और 78 चेजिंग रूम के लिए 50 लाख की धनराशि उपलब्ध कराई गई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सौन्दर्यीकरण के दृष्टि से 15 चौराहों को 600 लाख की लागत से तैयार किया गया है तथा 123 पार्कों को 1100 लाख की लागत से सौन्दर्यीकरण कार्य कराया गया।
क्राउड मैनेजमेंट पर फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्राउड मैनेजमेंट पर भी खासतौर पर फोकस किया गया है। भीड़ नियंत्रण एवं सुरक्षा के लिए पुलिस सर्विलांस सिस्टम लागत 17.34 करोड़, की स्थापना की गयी है। कुम्भ मेला अवधि के लिए लगभग 118.39 लाख से अस्थाई नेत्र कुम्भ की स्थापना की गयी है।
कुंभ में 39 अस्थाई चिकित्सालय
कुंभ मेले में स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। 150 बेड अस्पताल (लागत 222.02 लाख) की स्थापना की गई है। उत्तरप्रदेश से डॉक्टर, नर्स एवं अन्य मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था की गई है। 463 बेड क्षमता के 39 अस्थाई चिकित्सालयों के लिए उपकरण, दवाइयां, मक्खी-मच्छर नियंत्रण एवं अस्थाई कार्मिकों, श्रमिकों की व्यवस्था के लिए 7015.83 लाख की व्यवस्था की गई है।
अस्थाई शौचालय 11 हजार आठ सौ
कुंभ में अस्थाई शौचालय 11 हजार 800 एवं 6674 अस्थाई मूत्रालयों की व्यवस्था बनाई गई है। स्थाई रूप से 09 स्नान घाटों एवं आस्था पथ हरिद्वार व मुनिकीरेती में 4964.65 लाख की लागत से निर्माण कराया गया। घाटों की कुल लम्बाई 1133 मीटर एवं आस्था पथ की लम्बाई 2405 मीटर है। आस्था पथ ऋषिकेश का पुनरोद्धार एवं बाढ़ सुरक्षा कार्य 1157.65 की लगात से कराया गया है, जिसकी कुल लम्बाई 2.08 किलोमीटर है। स्थाई रूप से कुल 157.65 किलोमीटर सड़कों की निर्माण 12751.26 लाख रुपये की लागत से कराया जा चुका है।
नौ हजार स्वच्छकों की तैनाती
कुंभ में 09 हजार स्वच्छकों की तैनाती मेलावधि में की जा रही है। हरकी पैड़ी का जीर्णोद्धार एवं रोड़ी बेलवाला का स्थल का विकास 34 करोड़ की लागत से कराया गया। मीडिया कर्मियों के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त मीडिया सेन्टर 257.51 लाख की लागत से स्थापना की गयी है।
कुंभ के लिए अन्य निर्माण कार्य 
कुंभ के लिए स्थाई रूप से 08 सेतुओं का निर्माण 6398.50 लाख की लागत से किया गया है। पेयजल व्यवस्था के लिए 04 आई वैल,  01 आरबीएफ तथा 04 ट्यूबवेल, जिसकी कुल लागत 1216 लाख रुपये है, का निर्माण कराया गया। इसके साथ ही 8.5 किमी नई सीवर लाइन बिछाई गई, जिसकी लागत 487 लाख रुपये है। 25 किलोमीटर भूमिगत केबल परियोजना 301 करोड़ का कार्य कराया गया।