हरिद्वार, श्रावण मास प्रारम्भ होने के साथ ही विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक यात्रा कांवड़ मेला भी शुरू हो गया है। मेले के शुरुआती चरण में ही बड़ी संख्या में कांवड़िये हरिद्वार पहुंच गए हैं।
दूरस्थ राज्यों से आने वाले शिवभक्त, कांवड़ों में गंगाजल भरकर वापस लौटने लगे हैं। बुधवार को बड़ी संख्या में कांवड़िये गंगाजल लेकर अपने गंतव्यों के लिए रवाना हुए। पैदल कांवड़ियों की वापसी नहर पटरी मार्ग से कराई जा रही है। आर्यनगर चौक मार्ग से भी कांवड़ियों के दल अपने गंतव्यों की और लौट रहे हैं। इस बीच नगर निगम की सफाई व्यवस्था की पोल गंदगी के कारण खुलती दिखाई दी। आर्यनगर चौक मार्ग पर काफी कूड़ा सड़कों पर फैला हुआ है। इस मार्ग पर गंदगी को लेकर मेयर अनीता शर्मा और स्थानीय पार्षद सपना शर्मा के बीच विवाद भी हो चुका है लेकिन सफाई स्थिति जस की तस है।
ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने बताया कि, “जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण देश के कोने-कोने से आने वाले शिवभक्त कांवड़ियों को सड़क पर फैली गंदगी के कारण असुविधाएं झेलनी पड़ रही हैं। आर्यनगर मुख्य मार्ग पर गंदगी के कारण दुर्गन्ध फैल रही है। शिवभक्त कांवड़िये इसी मार्ग से होकर गुजर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि, “जिन मार्गो पर शिवभक्त कांवड़िये पैदल चल रहे हैं, उन मार्गो की ही हालत काफी खराब है। सड़क के गड्ढे कांवड़ियों के लिए परेशानियां उत्पन्न कर रहे हैं।”
उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों से अपील की कि आर्यनगर चौक कूड़ा स्थल का निरीक्षण किया जाए। साथ ही कांवड़ मेले के दौरान मुख्य मार्गो पर कूड़ा न फेंकने दिया जाए। कूड़े के डिब्बे कूड़े से भरे पड़े हैं। आवारा पशु भी कूड़े के इधर उधर फैला रहे हैं।
कांवड़ यात्रा सुगम और बेहतर बनाने के लिए प्रशासन ने लाख दावे किए थे, जो कि अब तक पूरे नहीं हो पाए हैं। ऐसे में कांवड़िये बिना सुरक्षा व्यवस्था के ही गंगा घाट पर नहाने को मजबूर हैं।
दरअसल, हरिद्वार से लेकर नारसन बॉर्डर तक कांवड़ पटरी के माध्यम से शिवभक्त पैदल यात्रा से करते हैं। इस दौरान कांवड़िये कई बार गंगनहर में स्नान करते हैं। ऐसे में कई बार हादसे भी हो जाते हैं, जिसकी तरफ प्रशासन का कोई ध्यान नहीं जाता है। घाटों पर सुरक्षा के लिहाज से सेफ्टी चैन लगाई जानी चाहिए, जिससे कांवड़ यात्रा के दौरान शिवभक्तों के साथ कोई घटना ना हो।