मिसाल: लोगों के लिये प्रेरणा बनता है ये आईएएस अधिकारी

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खुद कूड़ा उठाने में लगे डीएम रुद्रप्रयाग

एक ऐसे समय में जब उत्तराखंड के अधिकारियों पर आम जनता और पहाड़ों से दूर रहने का आरोप लगता रहा है डीएम रुद्रप्रयाग बिना किसी शोर शराबे के इस आरोप पर एक अपवाद साबित हो रहे हैं। मंगेष घिल्डियाल ने पर्यटक स्थल दुगलबिट्टा और चोपता के साथ ही तृतीय केदारनाथ तुगनाथ और चन्द्रषिला का स्थलीय निरीक्षण किया। तुगनाथ धाम पहुंचने पर उन्होंने सबसे पहले भोले बाबा के दर्षन किए। जिसके बाद जिलाधिकारी ने मंदिर के आस-पास चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और पूरी गुणवत्ता के साथ कार्य करने के निर्देष दिए। उन्होंने निर्माण इकाई एडीबी को जल्द से जल्द कार्य पूरा करने के निर्देष दिए। इसके बाद जिलाधिकरी चन्द्रषिला पहुंचे और चन्द्रषिला से तुंगनाथ धाम तक सफाई अभियान चलाया। इस दौरान डीएम ने खुद लोगों के साथ मिलकर जगह-जगह फैले प्लास्टिक और कचरे को साफ किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने दुगलबिट्टा में लोनिवि के निरीक्षण भवन के पास बने गैंग क्वाटर को अन्यत्र शिफ्ट कर उसकी जगह अस्थाई टैंट लगाने के निर्देष दिए।

डीएम ने दुगलबिट्टा और चोपता में लगातार हो रहे अतिक्रमण पर खासी नाराजगी जताई। पहले अतिक्रमण हटाने के बाद फिर उन्हीं स्थानों पर लोगों द्वारा अतिक्रमण करने पर जिलाधिकारी ने तीन दिन के भीतर अतिक्रमण हटाने के निर्देष दिए। उन्होंने तहसीलदार उखीमठ को सख्त निर्देष दिए कि हाईकोर्ट के आदेषों का जो पालन नहीं करता है और जबरन अतिक्रमण करता है, उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाए।

जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान पाया कि दुगलबिट्टा और चोपता के मध्य कई जगहों पर फिर से लोगों द्वारा बुग्यालों पर अतिक्रमण किया गया है, जिसके पर जिलाधिकारी ने अतिक्रमणकारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि हार्टकोर्ट द्वारा साफ निर्देष दिए गए है और यदि उसके बावजूद भी बुग्यालों पर अतिक्रमण किया जाता है तो उसे किसी रियायत की उम्मीद नहीं करनी चाहिये।

जिलाधिकारी ने चोपता, दुगलबिट्टा में जगह-जगह गंदगी फैली होने पर भी रोष व्यक्त किया। उन्होंने स्थानीय व्यापारियों को फटकार लगाई कि अपने आस-पास साफ-सफाई रखना व्यक्ति की पहली प्राथमिकता है, लेकिन उसके बावजूद भी पर्यटक स्थलों पर इस तरह गंदगी फैली होना शर्मनाक है। इसके साथ ही किसी भी व्यापारी के प्रतिष्ठानों के बाहर कूडेदान नहीं पाए गए, जिस पर पांच-पांच हजार रूपए के चालान काटे गये।