मोहब्बेवाला में घर में घुसा गुलदार, दहशत

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देहरादून, मोहब्बेवाला में सोमवार रात गुलदार की दहशत से लोग सहमे रहे। पांच घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद वन विभाग को गुलदार पकड़ने में सफलता मिली। विभाग ने डा. अदिति शर्मा की मदद से उसे ट्रेंक्यूलाइज कर पिंजरे में कैद किया। गुलदार की उम्र सात से आठ माह बताई जा रही है। रेस्क्यू के बाद उसे मालसी स्थित देहरादून जू में भेजा गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।

 लगभग ग्यारह बजे मोहब्बेवाला में अरुण कुमार राय के घर में एक गुलदार घुस आया। गुलदार घर में घुसने की खबर फैलते ही आसपास दहशत फैल गई। अरुण के परिजनों ने घर के दरवाजे बंद कर खुद को सुरक्षित किया। इस बीच किसी ने वन विभाग को गुलदार की सूचना दी। सूचना के बाद आसारोड़ी वन प्रभाग के रेंजर मेहरबान सिंह नेगी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पहले गुलदार को जाल के पकड़कर पिंजरे में डालने का प्रयास किया गया। लेकिन दो घंटे की मश्क्कत के बाद भी सफलता नहीं मिली। इसके बाद गुलदार को ट्रेंक्यूलाइज करने के लिए डॉ. अदिति को बुलाया गया। अदिति ने इसके बाद ट्रेंक्यूलाइजर की मदद से गुलदार को बेहोश किया। मौके पर वन विभाग के अधिकारियों ने गुलदार का परीक्षण किया। उसके पिछले पैर में कोई अंदरूनी चौट थी, जिसके कारण वह ठीक से चल-फिर नहीं पा रहा था।

पांच घंटों की मश्क्कत के बाद किया काबू
लगभग पांच घंटे चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद घायल गुलदार को मालसी जू भेजा गया। जहां डॉ. राकेश नौटियाल उसका इलाज कर रहे हैं। वन विभाग के अधिकारियों के अुनसार इलाके के बाद ठीक होने पर गुलदार को जंगल में छोड़ दिया जाएगा। रेस्क्यू करने वाली टीम में रेंजर मेहरबान सिंह नेगी, फॉरेस्टर बीडी जोशी, फारेस्टर मोहन लाल, दीपक रस्तोगी व रेस्क्यू टीम के सदस्य रवि जोशी शामिल रहे। विभाग की ट्रेंक्यूलाइजिंग एक्सपर्ट डॉ. अदिति शर्मा ने बताया कि गुलदार की उम्र लगभग आठ माह है। उसके पिछले पैर में चोट है, जिस कारण वह ठीक से चल नहीं पा रहा है। शायद कुछ दिनों से उसने शिकार नहीं किया है। भूखा होने के कारण थोड़ा कमजोर लग रहा है। पूरी तरह ठीक होने के बाद उसे जंगल में फिर से छोड़ा जा सकता है।