नैनीताल सहित पहाड़ों में आपदा के बाद पटरी पर लौटने की राह पर जिंदगी

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    नैनीताल

    नैनीताल सहित पहाड़ों पर बीते तीन दिन दैवीय आपदा के नाम रहे। अलबत्ता, अब बुधवार को हालात पटरी पर लौटने की ओर हैं। नगर में आज चटख धूप खिली है पर आसमान में बादलों की उपस्थिति भी बनी हुई है। अलबत्ता, मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार आगे बारिश की संभावना भी नहीं है।

    नैनी झील का पानी मॉल रोड, डांठ, बोट हाउस क्लब व नयना देवी मंदिर से नीचे उतर आया है। सड़कों पर वाहन भी नजर आने लगे हैं। जिला एवं मंडल मुख्यालय नैनीताल का संपर्क अब बाहरी दुनिया से स्थापित होने लगा है। इधर शहर में रात्रि में विद्युत आपूर्ति बहाल होने के बाद आपूर्ति पुनः स्थायी प्रबंध करने के दृष्टिगत बाधित हो गई है। इंटरनेट और मोबाइल सेवा भी एक हद तक सामान्य हो गई है। पेयजल आपूर्ति भी बहाल होने लगी है। नगर में आज दूध, समाचार पत्रों व सब्जियों आदि की भी आपूर्ति बहाल हो गई है। नैनी झील में नौकाओं और रोप-वे पर केबल कार का संचालन भी प्रारंभ हो गया है। अलबत्ता, सैलानियों के लौट जाने से सड़कों के साथ होटल और कार पार्किंग आदि भी सूने नजर आ रहे हैं।

    वाहनों का आवागमन शुरूः मंगलवार शाम ही कालाढुंगी रोड पर वाहनों का आवागमन शुरू हो गया था। इधर बुधवार सुबह से भवाली रोड पर भीमताल के रास्ते भी हल्द्वानी के लिए वाहनों का आवागमन शुरू हो गया। हल्द्वानी रोड पर भी डोलमार मड हाउस कैफे के पास से दुपहिया व छोटे वाहनों को गुजारने के लिए मार्ग भी अपराह्न में खोल दिया गया। डीआईजी कुमाऊं डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि नैनीताल पुलिस ने बीती शाम से करीब 400-450 वाहनों को कालाढुंगी रोड से अपने गंतव्य को रवाना करते हुए लगभग 1500 सैलानियों का रेस्क्यू किया। डीआईजी के निर्देशों पर आज कैची से भवाली तक का मार्ग भी छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया तथा इस बीच फंसे करीब 150 वाहनों में लगभग 500 पर्यटकों एवं यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर निकाला गया। उधर अल्मोड़ा, रानीखेत आदि से आने वाले क्वारब-काकड़ीघाट-कैंची और रामगढ़ वाले दोनों मार्ग बंद हैं।

    कैंची, बोहराकोट में चार शव बरामदः नैनीताल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम ने बुधवार को कैंची धाम के पास घर में दबे हुए 21 वर्षीय रिचा एवं 18 वर्षीय अभिषेक तथा बोहरा कोट रामगढ़ में 70 वर्षीय शंभू दत्त डालाकोटी व 59 वर्षीय बसंत डालाकोटी के शवों को मलबे से निकाल लिया गया। मगर सकुना में दबे 9 शवों के बारे में अभी भी कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

    सेना के 100 जवानों ने भी दिया बचाव कार्यों में योगदानः डीएम धीराज गर्ब्याल ने जनपद के कैंची-खैरना क्षेत्र में आपदा से हुए भारी नुकसान को देखते हुए 14-डोगरा रेजीमेंट रानीखेत को खैरना, कैची, निगलाट और रामगढ क्षेत्र में राहत व बचाव कार्य हेतु वार्ता की। इस पर मेजर नरेंद्र और मेजर कोयाक के नेतृत्व में बटालियन की ओर से तुरंत 100 जवानों की दो रेस्क्यू टीमें प्रभावित इलाकों में पहुंचीं और खैरना में फंसे लगभग 500 लोगों को पैक किया हुआ भोजन और खाने का सामान और पानी वितरित किया। बटालियन की मेडिकल रिएक्शन टीम के प्रशिक्षित जवानों द्वारा चिकित्सा इकाई स्थापित कर प्रभवितों की चिकित्सा जांच कर उपचार भी किया गया। भोजन तैयार करने के लिए खैरना में एक कुक हाउस भी स्थापित किया गया और त्वरित बचाव कार्य कर फंसे हुए लोगों को निकाला गया।

    डांठ में दरार की सूचना बेबुनियादः सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता केएस चौहान ने नगर की नैनी झील के आधार तल्लीताल डांठ में आपदा से दरार आने की सूचना को बेबुनियाद बताया है।चौहान ने बताया कि पुराने रोडवेज बस स्टेशन के पास जिला कलक्ट्रेट जाने वाले मार्ग की ओर डामरीकरण में कुछ दरार नजर आ रही है। केवल डामर की ऊपरी परत पर दरार है।

    बचाव करने में जुटे लोगः पिछले तीन दिनों में नगर में अधिकांश लोगों के घरों में पानी घुसने से काफी नुकसान हो गया था। खासकर हल्द्वानी रोड पर पिछाड़ी बाजार और भवाली रोड क्षेत्र में लोगों का काफी नुकसान हुआ। अब लोग गीले हो चुके कपड़ों एवं भीग चुके सामान को सुखाने में लगे हैं। नगर के राजपुरा, रामलीला ग्राउंड सात नंबर, तल्ला कृष्णापुर व जिला कारागार आदि क्षेत्रों में भी इस दौरान भूस्खलन हुआ है। कृष्णापुर क्षेत्र में हुए भूस्खलन में कई बाइकें दबी हुई हैं। लोग यहां मलबे में दबी बाइकें देखने और उन्हें निकालने का प्रयास करने पहुंचे।