नव वर्ष पर राज्य सरकार की ओर से समस्त शहरी स्थानीय निकायों को तोहफा दिया गया गया है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि, “स्थानीय निकायों के लिए धन की कमी नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों के विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। नगर निकायों को सुदृ़ढ़ करने के लिए सरकार द्वारा हर सम्भव प्रयास किया जायेगा। इस कड़ी में वित्तीय वर्ष 2018-19 की चैथी त्रैमासिक किश्त (अन्तिम किश्त) हेतु कुल 186 करोड़ 32 लाख 84 हजार की धनराशि अवमुक्त की गई है।”
चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों पर सरकार द्वारा लिये गये निर्णय के क्रम में समस्त शहरी स्थानीय निकायों (नगर निगम, नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत) को वित्तीय वर्ष 2018-19 की चैथी त्रैमासिक किश्त (अन्तिम किश्त) हेतु कुल 186 करोड़ 32 लाख 84 हजार की धनराशि अवमुक्त करने हेतु वित्त सचिव श्री अमित नेगी द्वारा शासनादेश जारी किया जा चुका है। इसके तहत 08 नगर निगमों जिसमें 02 नगर निगम ऋषिकेश व कोटद्वार भी सम्मिलित हैं के लिए कुल 65 करोड़ 66 लाख 60 हजार रूपये की राशि अवमुक्त की गई है।
नगर पालिका परिषदों के लिए कुल 65 करोड़ 32 लाख 35 हजार रूपये की धनराशि अवमुक्त की गई है। जबकि नगर पंचायतों को कुल 11 करोड़ 25 लाख 35 हजार रूपये की धनराशि अवमुक्त की गई है। प्रदेश की सभी 13 जिला पंचायतों को कुल 42 करोड़ 64 लाख 86 हजार रूपये की धनराशि अवमुक्त की गई है।
नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों को अवमुक्त धनराशि से पथ प्रकाश, जल संस्थान के देयको का भुगतान, कर्मचारियों के वेतन एवं भत्ते, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के दावों का भुगतान व विकास कार्यों पर किया जायेगा। जबकि जिला पंचायतों को अवमुक्त धनराशि से सीवरेज तथा ठोस अपशिष्ठ प्रबन्धन, सैप्टेज प्रबंधन, जल निकासी एवं स्वच्छता, सामुदायिक परिसम्पत्तियों के रख-रखाव, स्ट्रीट लाईट, आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण, अतिरिक्त कक्षा-कक्षों को निर्माण, वेतन भत्तों व विकास कार्यों पर किया जायेगा।