उत्तराखंड: 21 सालों की परिसंपत्तियों का लंबा विवाद सुलझा

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    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट कर 21 सालों से चली आ रही दोनों राज्यों की विभिन्न विभागों की 20 हजार करोड़ की परिसंपतियों का लंबा विवाद सुलझा लिया है। इसके लिए धामी ने मुख्यमंत्री योगी को उत्तराखंड की जनता की ओर से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा बड़े और छोटे भाई का संबंध है।

    गुरुवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड राज्य के मध्य आस्तियों एवं दायित्वों के लंबित प्रकरणों के संबंध में बैठक की। इस अवसर दोनों राज्यों के परस्पर हितों को ध्यान में रखते हुए चर्चा हुई।

    बैठक में हरिद्वार स्थित अलकनंदा पर्यटक आवास गृह का लोकार्पण दिसम्बर 2021 में करने और तत्समय पूर्व पर्यटक आवास गृह उत्तराखंड को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही किच्छा में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की बस स्टैंड की भूमि को उत्तराखण्ड को 15 दिन के अन्दर हस्तांतरित करने पर सहमति बनी।

    वन विभाग के अवशेष 90 करोड़ के देयकों का भुगतान भी तत्काल उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उत्तराखण्ड को किया जाएगा। जनपद उधमसिंह नगर स्थित धौरा, बैगुल, नानक सागर जलाशय में पर्यटन एवं वाटर स्पोर्ट्स की अनुमति दी गई। ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोर्ट्स की अनुमति भी दी गई। गुरुवार को बैठक में सभी प्रकरणों पर सहमति बनी है। 21 सालों से जो प्रकरण लंबित चल रहे थे, उनका निस्तारण किया गया। कुछ प्रकरणों पर 15 दिनों का समय लिया गया है। ऐसे प्रकरणों पर दोनों राज्यों द्वारा ज्वाइंट सर्वे कर निस्तारण किया जायेगा।

    बैठक में निर्णय लिया गया कि सिंचाई विभाग की 5700 हेक्टेयर भूमि और 1700 आवासों में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के उपयोग के लिए आवश्यक भूमि और भवन के आकलन के लिए संयुक्त सर्वे कर शीघ्र चिन्हीकरण किया जाएगा। दोनों राज्यों के मध्य सहमति बनी की न्यायालयों में लम्बित विभिन्न वादों को वापस लिया जाएगा और आपसी सहमति से मामलों को हल किया जायेगा। दो बैराज भारत नेपाल सीमा पर बनबसा बैराज और किच्छा का बैराज जो आपदा से नुकसान के कारण जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं, इन बैराजों का निर्माण उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा किया जाएगा।

    उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखण्ड परिवहन निगम को 205 करोड़ का भुगतान करने पर सहमति बनी। उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद् की उत्तराखण्ड में अवस्थित परिसम्पतियों के निस्तारण से होने वाली आय एवं देनदारियों का दोनों राज्यों को 50-50 प्रतिशत के अनुपात में बंटवारा होगा।

    इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द,उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.संधु, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आर.के.तिवारी,उत्तराखण्ड से सचिव रंजीत सिन्हा, प्रमुख अभियंता सिंचाई मुकेश मोहन एवं उत्तर प्रदेश शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।