सड़क की गुणवत्ता की खुली पोल

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पिथोरागढ, 42 करोड़ की लागत से सुधारी गई थल-पिथौरागढ़ मार्ग की गुणवत्ता की पोल अब खुलने लगी है। तीन रोज पूर्व हुई हल्की बरसात में ही कई स्थानों पर हॉटमिक्स बह गया और सड़क पर पड़े गड्ढों में पानी भर गया। इस सड़क की जांच रिपोर्ट पिछले चार माह से धूल फांक रही है।

55 किलोमीटर लंबी थल-पिथौरागढ़ सड़क में सुधारीकरण कार्य के लिए शासन ने 42 करोड़ की धनराशि स्वीकृति की थी। लोनिवि एडीबी को सड़क सुधारीकरण का दायित्व सौंपा गया था। सुधारीकरण कार्य में सड़क चौड़ीकरण, हॉटमिक्स और क्षतिग्रस्त दीवारों का पुनर्निर्माण शामिल था, लेकिन तीन वर्षो तक हुए कार्य में न तो सड़क का पूरा चौड़ीकरण किया गया और नहीं खतरनाक मोड़ों को सुरक्षित बनाया गया। सड़क पर बिछाए गए हॉटमिक्स को लेकर क्षेत्र की जनता ने पहले माह से ही सवाल उठाने शुरू कर दिए थे। पंचायत प्रतिनिधियों सहित तमाम राजनैतिक दलों ने सड़क की गुणवत्ता को लेकर आंदोलन किए। ये आंदोलन किसी नतीजे तक पहुंचने से पहले ही खत्म भी हो गए।

जनता की नाराजगी को देखते हुए मंडलायुक्त ने इस सड़क की जांच के निर्देश दिए थे। तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी आशीष चौहान ने तकनीकी अधिकारियों को साथ लेकर सड़क की जांच भी कराई। सीडीओ ने साफ किया था कि निर्माण में कई अनियमितताएं हुई हैं, उन्होंने चार माह पूर्व जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी थी, तब से आज तक जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। क्षेत्रवासियों ने एक बार फिर जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर सरकारी धन का दुरू पयोग करने वालों से वसूली किए जाने की मांग की है।