मैड संस्था ने रिस्पना नदी पर चलाया स्वच्छता अभियान

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देहरादून के शिक्षित छात्रों के संगठन मेकिंग ए डिफ्फेरेंस बाय बीइंग दी डिफ्फेरेंस (मैड) ने रविवार को राजपुर में रिस्पना नदी पर ट्रैकिंग की और आस पास के इलाके में एक सफाई अभियान चलाया।
देहरादून की नदियों के पुनर्जीवन के लिए मैड सदस्यों ने राजपुर में रिस्पना नदी पर ट्रैकिंग के साथ साथ आस पास के इलाके में एक सफाई अभियान भी चलाया। जहां उन्हें भारी मात्रा में शराब की बोतलें, चिप्स के पैकेट और इसी प्रकार का कूड़ा नदी में मिला।
मैड सदस्यों ने यह भी कहा कि हालांकि सरकारी एजेंसियों को नदियों के पुनर्जीवन के लिए मिलकर काम करने की ज़रुरत है, लेकिन इसके साथ ही नागरिकों के लिए उनके प्राकृतिक संसाधनों का स्वामित्व लेना और नीति निर्माण प्रकिया में शामिल रहने का प्रयास करना भी समान रूप से महत्वपूर्ण है। नदियों का पुनर्जीवन सिर्फ देहरादून के सौंदर्य निर्माण ही नहीं, बल्कि शहर की दैनिक जीवन शैली में सुधार करने में सहायता करेगा। हाल ही में राज्य सरकार ने सचिवालय में आयोजित एक बैठक में मैड की एनआईएच रिपोर्ट को स्वीकार कर उसके आधार पर रिस्पना के पुनर्जीवन के लिए कदम बढ़ाने की मांग को स्वीकार किया था। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मैड संस्था ने जमीन तथा नीति के स्तर पर सहयोग का आश्वासन दिया था। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी, रुड़की ने अपनी तीन साल पुरानी रिपोर्ट में विशेष रूप से एक संक्षिप्त जल सर्वेंक्षण के बाद कहा था कि रिस्पाना एक बारहमासी नदी है और इसे पुनर्जीवित किया जा सकता है, जो मुख्य सचिव को दी गई बैठक में एनआईएच वैज्ञानिकों द्वारा दोहराया गया था। अभियान में विजय प्रताप सिंह, अक्षत चंदेल, शुभम, आदर्श त्रिपाठी, हरिता, राहुल गुरु, रजत, हृदयेश आदि शामिल रहे।