मैड ने गढ़वाली सभ्यता के प्रसंग से दीवार को संवारा

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मैड सांस्था ने गन्दी दीवारों के कायाकल्प अभियान को एक कदम और आगे बढ़ाते हुए परेड ग्राउंड के पीछे तिब्बती मार्केट से सटी एक और दीवार सजाने व संवारने का काम किया है। यह चित्रकला गढ़वाली सभ्यता एवं आदर्शों को प्रदर्शित हुए तैयार की गई है।
मैड की ओर से इस चित्रकला में गढ़वाल में निर्माण काल के पहले के ज़माने के स्तंभ दर्शाये गए हैं और साथ साथ गढ़वाली कला की बारीकियों को भी दर्शाया गया है। एक स्तंभ के पीछे से गढ़वाल की एक स्त्री को झांकते हुए दिखाया गया है इस संदेश के साथ कि पहाड़ ही हमारे आदर्श हैं। इस दीवार को तैयार करने मे मैड के स्वयंसेवियों को लगभग एक सप्ताह का समय लगा। जिसमें पहले तो दीवार को साफ किया गया और उसके ऊपर यह कलाकृतियां बनाई गयीं।
मैड ने सार्वजनिक तौर पर शहर के सभी युवाओं से यह अपील की है कि जो लोग चित्रकला बनाने में अच्छे हैं वह अपनी ड्रॉइंग फाइलों से बाहर अपनी कला को बिखेरने का काम करें ताकि उनके इस हुनर का लाभ पूरे शहर को हो सके।
मैड की ओर से पूरे शहर मे पचास से ज़्यादा जगहों पर गन्दी पेशाबयुक्त और पोस्टर से सनी दीवारों का कायाकल्प करने का अभियान चलाया गया है जिसके ज़रिये मैड के सदस्य इन गंदी दीवारों को साफ करके इन पर सुंदर चित्रकला बनाने का काम करते हैं। मैड सांस्था की ओर से इस अभियान मे अहम् भूमिका निभाने वालों में श्रेया रोहिल्ला, सामीर, अर्ची बिष्ट, इन्दर, आदर्श त्रिपाठी, उत्कर्ष और आर्यन शामिल थे।