विधायक राजेश शुक्ला की अवमानना का मामला अभी थमा भी नहीं था कि शासकीय प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक को नौकरशाहों के व्यवहार से आहत होना पड़ा। हरिद्वार में होने जा रहे महाकुंभ को लेकर बुधवार को उत्तराखंड सचिवालय में बुलाई गई महत्वपूर्ण बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारियों के न पहुँचने नाराज कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बैठक छोड़ दी |
घटनाक्रम के अनुसार आगामी महाकुंभ को लेकर तमाम विभागों के अधिकारियों को आमंत्रित किया गया था , लेकिन 12:30 बजे शुरू होने वाली बैठक में सिर्फ कुछ अधिकारी ही दिखे| अधिकारियों को अनुपस्थित देख कर नगर विकास मंत्री कौशिक का पारा चढ़ गया| मंत्री ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और सचिवालय से बैठक छोड़ कर निकल गए। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में कुंभ में कार्य कर रहे तमाम विभागों के अधिकारियों को बुलाया गया था , जिसमें लोक निर्माण विभाग, परिवहन, साथ ही हरद्विार जनपद में कुंभ में तैनाती के अधिकारियों को भी बुलाया गया था| बताया गया कि अधिकारी शहर में मौजूद रहे लेकिन इस बैठक में नहीं पहुंचे | इस दौरान आईएएस शैलेश बगोली भी मौजूद रहे।
मामला मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और फिर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह तक पहुंचा तो डैमेज कंट्रोल के लिए एक्सरसाइज शुरू हुई। देर शाम मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र के निर्देश पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव व अपर सचिवों को निर्देशित किया कि मंत्रियों की बैठक में अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करना सुनिश्चित करें। यदि किन्हीं कारण से बैठक में उपस्थित होने में असमर्थ हैं तो इसकी पूर्व सूचना मंत्री के निजी सचिव को अवश्य दी जाए। समस्त जानकारी सहित बैठकों में प्रतिभाग किया जाए। इसमें किसी प्रकार की कोताही न की जाए।
दरअसल, आज पूर्वाह्न में मदन कौशिक ने हरिद्वार कुम्भ के निर्माण कार्यों की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई थी। इसमें लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, ऊर्जा, शहरी विकास व अन्य विभागों के सचिवों को बुलाया गया था लेकिन केवल शहरी विकास विभाग के सचिव शैलेश बगोली और लोक निर्माण विभाग के सचिव आरके सुधांशु ही बैठक में पहुंचे। यह देखकर मंत्री कौशिक नाराज हो गए बैठक छोड़ कर चले गए। बाद में पत्रकारों के पूछने पर उन्होंने कहा कि सूचना समय से नहीं मिलने के कारण कई सचिव बैठक में समय पर नहीं पहुंच सके हैं। लिहाजा जब सभी सचिव आ जाएंगे, तब फिर से बैठक होगी।