शुक्रवरा रात को मंत्रीमंडल की बैठक से हरक सिंह रावत के वॉकआउट और इस्तीफे की खबरों से शुरू हुए हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद बीजेपी डैमेट कंट्रोल मोड में दिख रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा ंहै कि हरक ने न ही इस्तीपा दिया है और न ही वो पार्टी छोड़ रहे हैं। उन्होंने मीडिया की खबरों का खंडन किया है।
दरअसल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के इस्तीफे की खबर ने उत्तराखंड की सियासत में खलबली मचा दी है। कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के मंत्रिमंडल से इस्तीफा के ऐलान से एक बार फिर उत्तराखंड की सियासत में भूचाल आ गया है। बताते हैं कि हरक सिंह इस्तीफे की घोषणा कर कैबिनेट की बैठक से चले गए। सरकारी प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि हरक ने कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज के लिए बजट जारी नहीं होने पर नाराजगी जताई थी। शुक्रवार देर शाम सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक चल रही थी। अचानक कैबिनेट मंत्री हरक रावत ने कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का मसला उठा दिया।
इसी महीने की शुरुआत में हरक सिंह के फिर से भाजपा में शामिल होने की चर्चा हो चुकी है। इस मामले को लेकर जब हरक सिंह से पूछा गया था तो उन्होंने इसका खंडन कर दिया था। हरक सिंह से कांग्रेस के साथ नजदीकियां बढ़ने व वापसी को लेकर सवाल पूछने पर उन्होंने कहा था, उनका ऐसा कोई इरादा नहीं। हरक ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की प्रतिष्ठा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रही है। मोदी से पहले अमेरिका में किसी अन्य प्रधानमंत्री को इतना सम्मान नहीं मिला। मोदी के नेतृत्व में देश और उत्तराखंड तरक्की कर रहे हैं। केंद्र, उत्तराखंड में कई हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पूरे कर रही है, इसलिए यह जरूरी है कि उत्तराखंड में दोबारा भाजपा की सरकार बने। कांग्रेस के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हुए उन्होंने कहा था कि वह सदन में तो संख्याबल से कमजोर है ही, पार्टी ने अपनी आक्रामकता भी खो दी है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह ने एक बार फिर जोर देकर कहा कि कांग्रेस में जाने का उनका कोई इरादा नहीं है