लोकसभा में बताया गया कि अभी तक देशभर में लगभग 419 लोग हाथी और बाघ के प्रकोप से मारे गए हैं। प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए गृह मंत्री किरन रिजीजू ने कहा कि केंद्र से 2 लाख रुपये उन लोगों के परिवार को दिये जाऐंगे जो इन जानवरों का शिकार हुए हैं और अगर राज्य सरकार चाहें तो वह भी इनको कुछ मुआवजा दे सकती हैं।
रिजीजू ने यह जवाब मैन एनिमल क्नफिल्क्ट पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में दिया,क्योंकि पर्यावरण मंत्री अनिल दावे वहां मौजूद नहीं थे।पर्यावरण में संतुलन बनाएं रखने के लिए यह जरुरी है कि ना तो इंसान ना ही जानवर मारें जाए और ऐसे कन्फिल्क्ट को रोका जा सकें।रिजीजू ने कहा कि कुछ फिजिकल बैरियर के इस्तेमाल जैसे कि कांटेदार तार के बाड़ी,सौर ऊर्जा बिजली की बाड़,बाड़ में कैक्टस के प्रयोग से जानवरों को फसली खेतों में जाने से रोका जा सकता है।
2016-17 के एक लिखित जवाब में,11 लोग बाघ के हमले में मारे गए जिसमें 4 उत्तर प्रदेश के मामले हैं। जबकि हाथी के प्रहार से मरने वालों की संख्या 419 है जिसमें से 108 जानें पश्चिम बंगाल में गई है।
गौरतलब है कि मैन एनिमल काॅनफ्लिकट पिछले कुछ सालों से एक बढ़ा मुद्दा बन गया है। हांलाकि इससे रोकने के लिये कुछ कारगर कदम उठाये गये हों ैसा लगता नही है। पर्यावरण से जुड़े लोग लगातार इस बात पर ज़ोर दे रहे हैं कि जिस तरह से इंनसानी आबादी जंगलों में बढ़ रही है इससे जानवरों के प्राकृतिक रिहाईश का दायरा सिकुड़ता जा रहा हैऔर वो इंसानी बस्तियों की तरफ रुख कर रहे हैं। वहीं इसके रोकने के लिये बातें और सुझाव तो बड़े बड़े दिये जाते रहे हैं लेकिन ज़मीन पर कुछ ठोस हुआ हो ऐसा कहा नहीं जा सकता।
बहरहाल उम्मीद ये की जानी चाहिये कि सरकार इन मौतों को केवल मुआवज़े के दायरे तक सीमित न रखे और इंसान और जानवरों के बीच हो रहे इस टकराव को रोकने के लिये कुछ ठोस कदम उठाये।