देहरादून, अपने में तमाम प्रकृति की खूबसूरती समेटे समुद्री तल से 3200 मीटर ऊंचाई पर स्थित देश का अंतिम गांव माणा धीरे धीरे एक टूरिस्ट प्लेस की तरह अपनी पहचान को बनाता जा रहा है। इस छोटे से गांव को केंद्र सरकार ने ‘स्वच्छ आइकोनिक स्थल’ के रूप में चुना है। जिससे आने वाले दिनों में यहां की दशा और दिशा दोनों बदल जाएगी।
स्वच्छता अभियान के तहत केंद्र और राज्य सरकार की ओर से यहां 20 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे, भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर ने माणा गांव में स्वच्छ आइकोनिक स्थल योजना का शुभारंभ किया। साथ ही माणा गांव के स्थानीय नागरिकों के साथ मिलकर स्वच्छ, सुंदर और हरा-भरा रखने की अपील की, केंद्रीय सचिवालय का कहना था कि देशभर में स्वच्छता भारत अभियान चल रहा है इसी अभियान के तहत देशभर के चुनिंदा गांव में आज माणा गांव भी शामिल हो गया है।
माणा गांव को स्वच्छ ‘आइकोनिक स्थल’ के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसके लिए केंद्र सरकार की ओर से 15 करोड़ और राज्य सरकार की ओर से 5 करोड़ की धनराशि जिला स्वजल योजना को मुहैया कराई जाए।गी जिससे इस गांव का विकास हो सके और यहां आने वाले पर्यटक को को माणा से स्वच्छता अभियान का एक संदेश मिल सके। केंद्र सरकार कि इस योजना से भारत के अंतिम गांव माणा के लोगों में खुशी की लहर फैल गई।
माणा के गांव प्रधान पंकज के अनुसार, “इस अभियान के तहत गांव में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट ट्रेंचिंग ग्राउंड घाटों का सुंदरीकरण तीर्थ स्थल और प्राचीन मंदिरों का उम्मीदवार शॉपिंग कॉन्प्लेक्स और मीटिंग हॉल का निर्माण किया जाएगा जिससे आने वाले समय में यहां रोजगार के साथ-साथ पर्यटन की असीम संभावनाएं जन्म लेंगी और भारत का ये अंतिम गांव देश के अन्य गांवों को के लिए रोल मॉडल का काम करेगा।”