कोरोना काल में लाॅक डाउन के बाद देश भर में अनलाॅक की प्रक्रिया शुरू है। बावजूद इसके चमोली जिले के गांव माणा में अभी भी लाॅक डाउन चल रहा है। इस गांव में बाहर से आने वाले लोगों पर पूरी तरह प्रतिबंध है। इस गांव में अभी तक एक भी कोरोना का केस सामने नहीं आया है।
माणा के ग्रामीण रोजमर्रा के कार्यों के लिए गांव से बाहर जाने से परहेज कर रहे हैं। माणा गांव बदरीनाथ धाम से तीन किलोमीटर दूर है। यहां भोटिया जनजाति के लोग रहते हैं। शीतकाल में ग्रामीण गोपेश्वर नगर के समीप घिंघराण में रहते हैं और ग्रीष्मकाल में पैतृक गांव माणा में। जब पहला अनलॉक घोषित हुआ तो माणा के ग्रामीणों ने गांव में लॉक डाउन रखने का निर्णय लिया। वह अभी भी चल रहा है।
माणा के प्रधान पितांबर मोल्फा का कहना है कि गांव में लाॅक डाउन की स्थिति यथावत रखने में ग्रामीणों का पूरा सहयोग मिला है। गांव में बाहरी लोगों के आने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। मई के बाद गांव में किसी के भी आने पर रोक लगा दी गई है। यही वजह है कि देश में कोरोना के मरीज बढ़ते जा रहे हैं, जबकि गांव में रह रहे 150 परिवारों में से किसी को भी कोरोना की शिकायत नहीं हुई है।
यह गांव भारत-चीन से सटा है। सीमा क्षेत्र में सेना की आवाजाही बाधित न हो, इसके लिए ग्रामीणों ने गांव के समीप ही बाईपास बनाया है, जिससे गांव भी सुरक्षित रहे और सेना के जवान भी। ग्राम प्रधान पीतांबर मोल्फा का कहना है कि कई बार सेना के जवान बसुधारा व अन्य जगहों पर जाते हैं। इसलिए उनकी आवाजाही के लिए गांव के निचले हिस्से में वैकल्पिक रास्ता निकाला गया है।