26 फरवरी को शुरू होगी मणिकूट परिक्रमा 

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ऋषिकेश, ऋषीकेश में गंगा के तट पर स्थित मणि कूट पर्वत प्राचीन समय से ही ऋषि मुनियों की तपोभूमि के नाम से जाना जाता है, यहाँ पर नीलकंठ महादेव और अन्य कई सिद्ध पीठ है, इस छेत्र को पर्यटन के मानचित्र पर लाने के लिए पिछले 12 सालों से  मणि कूट पर्वत की परिकर्मा का आयोजन किया जाता रहा है, जिस में देशी-विदेशी लोग शिरकत करते है। कहा जाता है कि मणि कूट पर्वत पर त्रिदेव निवास करते है जिसकी परिक्रमा करने से पापो का शमन होता है।

मणिकूट परिक्रमा के आयोजक सौरभ कंडवाल के अनुसार, “आत्म कुटीर आश्रम द्वारा हर साल आयोजित की जाने वाली पौराणिक मणिकूट परिक्रमा का आयोजन इस वर्ष 26 फरवरी को होने जा रहा है , मणिकूट परिक्रमा उन पौराणिक परिक्रमाओं में से एक जिनका वर्णन पुराणों में मिलता है प्राचीन काल से यह परिक्रमा चली आ रही है, हालांकि कठनाइयों के चलते यह परम्परा विलुप्त हो गई थी लेकिन आत्म कुटीर आश्रम के राही बाबा के द्वारा इस परंपरा की दुबारा शुरुवात की गई है।”

आत्म कुटीर आश्रम कई सालों से इस यात्रा का आयोजन करवाता आया है। यात्रा का शुभारम्भ लक्ष्मण झूला के निकट पांडव गुफा से प्रातः माँ गंगा के आश्रीवाद से होगा, तत्पश्चात यात्रा में अलग-अलग बारह द्वारों का पूजन किया जायेगा, अौर अंत मे यात्रा वापस माँ गंगा के तट पर पूर्ण होगी । यात्रा में हजारों की संख्या में देशी व विदेशी श्रद्धालु सम्मलित होकर यात्रा को पूर्ण करेंगे।