गोपेश्वर। जिला योजना की अवमुक्त धनराशि का कतिपय विभागों के अभी तक खर्च नहीं कर पाने पर जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया ने सोमवार को कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गुणवत्ता के साथ शतप्रतिशत व्यय करना सुनिश्चित करें।
सोमवार जिला योजना की समीक्षा बैठक में डीएम ने कहा कि अधिकारी अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाते हुए अंतिम समय में कार्य करने की परंपरा को बदले। कहा कि 30 मार्च तक जो भी विभाग जिला योजना की धनराशि पूरी तरह से खर्च नही कर पायेगा, उन विभागों को अगली जिला योजना से धनराशि की कटौती की जायेगी।
वित्तीय वर्ष 2018-19 में जिला योजना के अंतर्गत अनुमोदित 4085 लाख रुपये धनराशि के सापेक्ष 3540.67 लाख रुपये की धनराशि विभागों ने व्यय कर दी है। जिला योजना में लोनिवि ने सबसे कम व्यय किया है। लोक निर्माण विभाग को 568.51 लाख धनराशि में से 69.09 प्रतिशत ही अभी तक व्यय किया है। पेयजल निगम ने 275.06 लाख धनराशि के सापेक्ष 80.70 प्रतिशत, खादी एवं ग्रामोद्योग ने 17.40 लाख के सापेक्ष 87.88 प्रतिशत व्यय किया है।
लघु सिंचाई व सिंचाई विभाग ने भी जिला योजना के तहत अवमुक्त धनराशि अभी तक पूरी तरह व्यय नहीं की गई है। जिलाधिकारी ने सभी विभागों को 30 मार्च तक जिला योजना के तहत अवमुक्त धनराशि को शत प्रतिशत व्यय करने के निर्देश दिये है। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि ट्रेजरी की साइट बंद होने के कारण 19 मार्च से ट्रेजरी बिल नहीं ले रही है। इस कारण अधिकांश कार्यो के बिल भुगतान के लिए लंबित है। मुख्य कोषाधिकारी ने बताया कि ट्रेजरी की साइट खुलने पर लंबित बिलों को पास कर लिया जायेगा।