सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

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ऋषिकेश, सोमवती अमावस्या पर कड़ाके की ठंड के बावजूद हजारों श्रद्वालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। देर रात से ही श्रद्धालुओं की भीड़ घाटों पर जुटनी शुरू हो गई थी। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।

सोमवार का दिन तीर्थ नगरी ऋषिकेश में धार्मिक आस्था के नाम रहा। सोमवार को पड़ी सोमवती अमावस्या के दुलर्भ संजोग के चलते स्नान के लिए स्थानीय श्रद्वालुओं के साथ-साथ देश के विभिन्न प्रांतों से भी भारी भीड़ उमड़ी। त्रिवेणी घाट पर श्रद्वालुओं का तांता लगा रहा।

ज्योतिषाचार्य पंडित राजेंद्र नौटियाल के अनुसार अमावस्या को गंगा स्नान का विशेष महत्व है। सोमवार को अमावस्या होने पर दान एवं श्राद्ध का विशेष फल मिलता है। इस दिन पितरों के निमत्त श्रद्धापूर्वक श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान किया जाता है। सबसे महत्वपूर्ण सोमवती अमावस्या का व्रत महिलाओं को अखंड सौभाग्य दिलाने वाला माना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की आयु वृद्धि के लिए पीपल वृक्ष को विष्णु का प्रतीक मानकर उसकी 108 बार परिक्रमा करती हैं। शास्त्रों की मान्यता है कि जो स्त्री अपने सुहाग की रक्षा की कामना के लिए पीपल वृक्ष के मूल में दूध, नैवेद्य, दही, फूल चढ़ाने के साथ दीप दिखाती हैं, उसे अभिष्ट फल की प्राप्ति होती है।