देहरादून के इनामु्ल्ला इलाके के एक किलोमीटर के अंदर शायद ही किसी की नज़र आधा दर्जन दुकानों पर जाये जो चुनावों की प्रचार की सामग्री बेच रही हैं। लेकिन इन दुकानों ने राज्य में हो रहे निकाय चुनावों का कलेवर को बरकरार रखा हुआ है। इन दुकानों में आपको झंडे, फ्लाइर, बोर्ड, स्कार्फ आदि चुनावों से जुड़ी सभी चीजे मिल सकती है।
इस बार राज्य के निकाय चुनावों में करीब 6,000 उम्मीदवार अपना ज़ोर आज़मा रहे हैं और ईमानुल्ला बाज़ार की ये दुकाने इन सभी उम्मीदवारों की प्रचार से जुड़ी ज़रूरतों को पूरा कर रही हैं। इन दिनों त्योहारों की रौनक के बीच इन दुकानों पर चुनावों की भी अच्छी खासी रौनक बनी हुई है।
चुनावी माहौल में गुलज़ार होने वाली इन दुकानों के कारण ही राज्य के दूर दराज़ कोनों तक चुनावों के रंग दिख जाते हैं। चुनाव प्रचार सामग्री की शायद ही ऐसी कोई मांग होगी जो इन दुकानों के खाली हाथ वापस लौटाई जाती हो।
हमसे बात करते हुए राजू भाई की दुकान के बालम बताते हैं “ये हमारी तीसरी पीढ़ी है जो मुजफ्परनगर से आकर यहां चुनावों के मौसम में देहरादून और हरि्द्वार में दुकान लगाती है। हम पिछले चालीस सालों से देश के अलग अलग कोनों में विधान सभा चुनावों से लेकर निकाय चुनावों तक में अपनी दुकान लगाते आ रहे हैं। हम हर पार्टी से लेकर सभी तरह के उम्मीदवारों की ज़रूरतें पूरी करते हैं।”
चुनावी मौसम में इन दुकानदारों के पास फुरसत का पल नहीं होता है। ऐसे में हमने एक और दुकान मालिक हन्नी से बात की जो इस बार अपने धंदे से ज्यादा खुश नहीं दिखते, “मैने इन चुनावों में पहली बार चुनावी सामग्री की दुकान सजाई लेकिन धंदा काफी मंदा है। इससे बेहतर तो मैं दिवाली में पटाखों की दुकान लगा सकता था।“
एक बार चुनावी प्रचार पर लगाम लग जाती है तो राजू भाई जैसे दुकानदार अपना अगला पढ़ाव उन जगहों पर ले चलते हैं जहां चुनाव होने वाले हैं। भारतीय गणतंत्र का एक पहलू ये भी है कि देशभर में हर समय कहीं न कहीं किसी न किसी कुर्सी के लिये चुनावी रण होता ही रहता है, ऐसे में जहां लोगों को अपने नुमाइंदे चुनने का मौका मिलता है तो इमानुल्ला के दुकानदारों को अपनी रोज़ी रोटी का इंतज़ाम करने का।