पुलवामा में शहीद हुए उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के विभूति शंकर की आज पहली बरसी पर उनकी पत्नी ने उनका सपने को साकार करने की बात कही ।विभूति शंकर ढौंडियाल की शहादत को 1 साल पूरा हो गया है। शहीद मेजर विभूति ढोंडियाल के सपने को जल्द ही उनकी पत्नी पूरा करने जा रही हैं। आज शहीद मेजर विभूति की शहादत को एक साल पूरा हो गया है उनकी पुण्यतिथि पर विभूति ढौंडियाल के घर पर उनके परिवार ने श्रद्धांजलि सभा रख उनको याद किया। शहीद की पत्नी ने सेना में जाने का मन बना लिया है जिसके लिए वो तैयारियां कर रही हैं, विभूति शंकर की पत्नी निकिता ने अभी हाल ही में एसएससी की परीक्षा पास करने के बाद ये बात कही।
पिछले साल आज ही के दिन अपने परिवार को अकेला छोड़ विभूति शंकर ढौंडियाल कश्मीर के पुलवामा के पिगलिंग इलाके में आतंकियों से लोहा लेते हुए देश के लिए शहीद हो गए थे । परिवार आज भी इस गम से नही उभर पाया, वही आज उनकी बरसी के एक साल पूरे होने पर आवास में श्रद्धांजलि सभा रखी गई। सभी की आँखे नम थी लेकिन चेहरे पर गर्व था। आर आर राइफल्स में तैनात विभूति शंकर तिरंगे में लिपटकर घर आये थे। शहीद विभूति ढौंडियाल की देश के लिए कुछ भी कर गुजरने की चाह थी उसी तरह शहीद की पत्नी निकिता भी देश के लिए कुछ कर गुजरने की चाह को एक कदम और आगे बढ़ा चुकी है। सैन्य अफसर बनने की और वह एक कदम बढ़ा चुकी है उन्होंने बताया कि उन्होंने टेस्ट और साक्षात्कार क्वालीफाई कर लिया है ।
उनकी सैन्य अफसर बनने की चाहत में उनका परिवार उनका पूरा साथ दे रहा है।विभूति के पार्थिव शरीर के सामने उनकी पत्नी की जय हिंद की ललकार पूरे देश ने सुनी थी आज वो खुद सेना को ज्वाइन कर देश सेवा कर अपने पति का अधूरा सपना पूरा करना चाहती है। 34 वर्षीय मेजर विभूति ढौंडियाल सेना के 55 आरआर (राष्ट्रीय राइफल) में तैनात थे। वह तीन बहनों के इकलौते भाई थे। वर्ष 2018 अप्रैल माह में उनकी शादी हुई थी। शादी को एक साल भी नहीं हुआ था, जब उनकी शहादत की खबर आ गई पर इस मुश्किल घड़ी में उनकी पत्नी निकिता ने न केवल खुद को, बल्कि परिवार को भी संभाला शहीद पति को अंतिम विदाई देते वक्त उन्होंने जो हिम्मत दिखाई थी वह आज भी उनके हौसले को बयां करती है। उनकी हिम्मत को और उनकी देश के प्रति कुछ कर गुजरने की चाहत के बीच अब वह दिन दूर नही जब शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की तरह वह भी फौज की वर्दी में दिखाई देंगी